Chhattisgarh-Mizoram Election 2023 : पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों का आगाज मंगलवार से हुआ। छत्तीसगढ़ और मिजोरम में मतदान हुआ है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 20 सीटों पर वोट डाले गए। वहीं मिजोरम की सभी 40 सीटों पर मतदान हुआ। मिजोरम में 77.33 प्रतिशत तो छत्तीसगढ़ में 71.11 फीसदी मतदान होने के बाद वोटिंग खत्म हुई। कई नक्सल प्रभावित इलाकों में भी वोटिंग होने के कारण चुनाव आयोग ने वहां 60 हजार सुरक्षा बलों की तैनाती की है। चुनाव संपन्न कराने के लिए 25429 कर्मचारियों को लगाया गया।
छत्तीसगढ़ में मंगलवार को विधानसभा चुनाव के पहले चरण के तहत नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग और राजनांदगांव सहित चार अन्य जिलों की 20 सीटों पर मतदान हुआ। प्रदेश की जिन 20 सीटों पर मंगलवार को मतदान हुआ, उनमें से 12 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इन सीटों पर कुल 223 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जो कि अब ईवीएम में कैद हो गई। उनकी किस्मत का फैसला 3 दिसंबर को होगा। वहीं मिजोरम की सभी 40 सीटों पर भी वोटिंग हुई। छत्तीसगढ़ में पहले चरण में शाम पांच बजे तक 71.11 प्रतिशत मतदान हुआ।
मिजोरम में 77.73 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। बता दें कि छत्तीसगढ़ में कई दिग्गजों का भविष्य मतपेटी में बंद हो गया। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और बस्तर के सांसद दीपक बैज, कांग्रेस सरकार के तीन मंत्री, भाजपा की ओर से चार पूर्व मंत्री और एक पूर्व आईएएस अधिकारी शामिल हैं।
टोडामर्का में नक्सलियों ने किया था आईईडी ब्लास्ट, घायल जवान का चल रहा इलाज
आमजन के साथ ही मंत्री कवासी लखमा और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह व भाजपा-कांग्रेस के कई प्रत्याशियों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इससे पहले सुकमा के टोडामर्का में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया था। इसकी चपेट में आकर सीआरपीएफ कोबरा बटालियन का एक जवान घायल हो गया। जवान को कैंप में लाया गया, जहां पर उसका इलाज जारी है। जवान की ड्यूटी मतदान केंद्र की सुरक्षा में लगाई गई थी।
जिन 20 सीटों पर मतदान हुआ। उनमें से 19 सीटें कांग्रेस के कब्जे में हैं। केवल एक राजनांदगांव सीट भाजपा के पास है। वर्ष 2018 के चुनाव में दंतेवाड़ा सीट भाजपा के पास थी, लेकिन नक्सली हमले में विधायक की मौत के बाद हुए उप चुनाव में ये सीट कांग्रेस के खाते में चली गई। ऐसे ही खैरागढ़ सीट जेसीसीजे के पास थी, लेकिन उप चुनाव में इस पर भी कांग्रेस का कब्जा हो गया। कवर्धा और मोहला-मानपुर सीट पर भी अभी कांग्रेस विधायक हैं।
इन क्षेत्रों में भी हुई नक्सलियों और जवानों की भिड़ंत
बांदे क्षेत्र के माड़पखांजूर और उलिया के जंगल में बीएसएफ और बस्तर फाइटर्स के जवानों से नक्सलियों की भिड़ंत हुई है। करीब आधा घंटा चली मुठभेड़ के बाद नक्सली भाग निकले। एक बड़े कैडर के नक्सली के घायल होने का दावा है। मौके से AK -47 रायफल बरामद की गई है। मुठभेड़ में एक किसान गोली लगने से घायल हुआ है। वहीं मतदान के बीच बांदे क्षेत्र में अंतागढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी रूपसिंह पोटाई और निर्दलीय प्रत्याशी मंतुराम पवार को नक्सलियों ने धमकी दी है। नक्सलियों ने धमकी भरे पत्र भेजे हैं। इसमें जन अदालत में सजा देने का किया ऐलान किया है।
नारायणपुर में भी ओरछा के तादुर के जंगल में एसटीएफ जवानों से हुई मुठभेड़ के बाद नक्सली भाग निकले। अरनपुर क्षेत्र में नक्सलियों ने मतदान दल को नुकसान पहुंचाने के लिए आईईडी प्लांट किया था। इसे जवानों ने बरामद कर लिया है। मतदान दल की सुरक्षा में सीआरपीएफ 111 बटालियन सी कंपनी के जवानों को लगाया गया है। अरनपुर से सोमापारा के बीच जवानों ने 2 किलो की 2 प्रेशर आईईडी बरामद की है। गंगालूर मार्ग के बीच भी पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। सीआरपीएफ 85 बटालियन के जवान एरिया डॉमिनेशन पर निकले थे। पुलिस का दावा है कि मुठभेड़ के बाद नक्सलियों को 2-3 शव उठाकर भागते देखा गया है।
मिजोरम में भाजपा-नवोदित आम आदमी पार्टी लड़ रही चुनाव 27 निर्दलीय मैदान में
यहां पहले चरण के 20 विधानसभा क्षेत्रों में से 10 विधानसभा क्षेत्रों मोहला-मानपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा विधानसभा क्षेत्रों में सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक मतदान हुआ। वहीं 10 विधानसभा क्षेत्रों पंडरिया, कवर्धा, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, बस्तर, जगदलपुर और चित्रकोट विधानसभा क्षेत्रों में सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक वोटिंग हुई। मिजोरम में भाजपा और नवोदित आम आदमी पार्टी (आप) क्रमशः 23 और 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 27 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में है।
एक बूथ पर फूलमालाओं से हुआ मतदाताओं का स्वागत, बुजुर्ग भी नहीं रहे पीछे
रिपोर्ट के मुताबिक एक बूथ पर मतदाताओं का स्वागत फूलमालाओं से किया गया। यहां लोग वोटिंग के लिए लंबी कतार में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते देखे गए। दिलचस्प बात तो यह रही कि पुरूष मतदाताओं के साथ महिलाओं में भी मतदान करने का गजब उत्साह देखा गया। पोलिंग बूथ पर सुबह से ही महिला वोटरों का आना शुरू हो गया। बूथों पर इनकी लंबी कतार लग गई। लोकतंत्र के पर्व पर पुरूष, महिला और युवाओं के साथ-साथ बुजुर्ग महिला मतदाताओं में भी जोश देखने को मिला। उम्र के बंधन को पीछे छोड़ते हुए बुजुर्ग महिलाएं भी बड़ी तादाद में अपने मत का प्रयोग करने के लिए मतदान केंद्र पहुंचीं।
छोटे बच्चों के साथ लोकतंत्र का हिस्सा बनने पहुंची महिलाएं
छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल इलाके उत्तर बस्तर में मतदाता मतदान के लिए घरों से निकलकर आए। इस दौरान बड़ी संख्या में आदिवासी महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों के साथ लोकतंत्र के उत्सव का हिस्सा बनने के लिए पहुंचीं। वहीं जगदलपुर के एक पोलिंग बूथ पर वोटरों की लंबी लाइन लगी दिखाई दी। यहां बुजुर्ग महिलाएं अपनी-अपनी बारी का इंतजार करती दिखीं। महिलाएं वोटिंग को लेकर काफी उत्साहित नजर आईं।
छत्तीसगढ़ के विस चुनाव में 233 प्रत्याशी आजमा रहे भविष्य
बता दें कि छत्तीसगढ़ में 20 सीटों पर चल रहे पहले चरण के चुनाव में 233 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर, मंत्री कवासी लखमा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज शामिल हैं। इनके अलावा 198 पुरुष, 25 महिला प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे। इस बार 40 लाख 78 हजार से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।
57 में से 15 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार राजनीतिक दलों ने इस बार भी दागी प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। पांच विधानसभा सीटों पर खड़े 57 प्रत्याशियों में से 15 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाजपा, कांग्रेस के साथ ही आप, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़-जे (JCCJ) सहित अन्य छोटे दलों में दागी प्रत्याशी हैं। पहले चरण के लिए 5 हजार से ज्यादा मतदान केंद्र बनाए गए हैं। महिला वोटरों की मदद के लिए 200 संगवारी और 11 आदर्श मतदान केंद्र बनाए गए हैं। संगवारी बूथों पर मतदान की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं पर है। यहां बूथ इंचार्ज, सहायक से लेकर पुलिस फोर्स से लेकर सब कुछ महिलाएं कर रही हैं। पिछली बार जहां जहां मतदान कम हुआ था, उसे बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
त्रिशंकु विधानसभा नहीं होगी, एमएनएफ चुनाव में जीत हासिल करेगी जोरमथांगा
मिजोरम में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के जीत हासिल करने और त्रिशंकु विधानसभा न होने का विश्वास जताते हुए मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने कहा कि उनकी पार्टी का राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन नहीं हैं। केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को उसका समर्थन मुद्दा-आधारित है।