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 Big Breaking: Haryana में क्या बदलेगी विस चुनावों की तारीख?  BJP की चिट्ठी पर विचार कर रहा आयोग,1 अक्टूबर से 6 दिन बाद वोटिंग संभव

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Haryana में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली द्वारा केंद्रीय चुनाव आयोग को विधानसभा चुनाव तय समय के बजाय किसी और दिन कराने के संबंधमें लिखी गई चिट्ठी पर अब एक बड़ी खबर आई है। दरअसल खबर ये है कि चुनाव आयोग शायद हरियाणा विस चुनावों की तारीखों को बदलने पर कोई निर्णय ले सकता है। सूत्रों के मुताबिक, अब प्रदेश में 1 अक्टूबर की बजाय उससे 6 दिन बाद यानी 7 या 8 अक्टूबर को विस चुनावों के लिए मतदान कराया जा सकता है। भाजपा और इनेलो द्वारा EC को भेजी गई चुनावी तारीखों को बदलने के विषय वाली चिट्ठी पर आयोग मंगलवार को अंतिम निर्णय ले सकता है। हालांकि अभी इस विष्य पर चुनाव आयोग विचार-विमर्श कर रहा है। बता दें कि भाजपा और इनेलो द्वारा मतदान के पूर्व और बाद में भी छुट्टी के चलते पार्टियों ने अंदेशा जताया था कि आगामी चुनावों में मतदान अनुमानित आंकड़ों से कम होगा।

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 हालांकि इस चिट्ठी के वायरल होने के बाद कांग्रेस ने सियासी बयानबाजी भाजपा पर तेज कर दी है। सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बीजेपी-इनेलो को घेरते हुए लिखा, ‘भाजपा की आंखों के तारे (इनेलो) और सितारे (जेजेपी)। जहां भाजपा, वहां इनेलो-जजपा।’ वहीं दीपेंद्र के इस पोस्ट पर पलटवार करते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा, ‘हकीकत में तो आप ही हो एक-दूसरे के प्यारे, तभी तो राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारे।’

 भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की चिट्ठी की अहम बातें

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  1. वीकेंड और 2-3 अक्टूबर का अवकाश: भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने चुनाव आयोग को लेटर लिखकर कहा कि 28 से 29 सितंबर को शनिवार-रविवार(वीकेंड) है। 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, जबकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती की छुट्टी है। इतनी लंबी छुट्टियों में वोटर बाहर घूमने निकल जाएंगे। इससे वोटिंग कम हो सकती है।
  2. बिश्नोई समाज का बड़ा धार्मिक आयोजन: बड़ौली ने लेटर में यह भी बताया कि 2 अक्टूबर को राजस्थान में मुकाम धाम में आसोज का मेला शुरू होगा। यह बिश्नोई समाज का बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। इस मेले में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली से लोग पहुंचते हैं। हरियाणा में बिश्नोई समाज की जनसंख्या अधिक है। इसका असर भी वोटिंग पर हो सकता है।

 इनेलो का भाजपा को समर्थन

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इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने की BJP की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने लेटर में लिखा, चूंकि लोग आमतौर पर वीकेंड पर छुट्टियों पर जाते हैं, इसलिए यह निश्चित रूप से मतदान को प्रभावित करेगा। मत प्रतिशत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और मतदान प्रतिशत में 15 से 20 प्रतिशत की कमी होने की संभावना है।

3. अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा का भी समर्थन

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त को लेटर लिखकर चुनाव की डेट बदलने की मांग की है। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने कहा कि एक अक्टूबर को राजस्थान के बीकानेर में बड़े मेले का आयोजन होगा। इसमें बिश्नोई समाज के काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में चुनाव की डेट बदली जाए।

राजस्थान के बीकानेर में मुकाम धाम स्थित है, जहां आसोज अमावस्या पर मेला लगता है। इस बार आसोज अमावस्या एक अक्टूबर को रात 9.39 बजे शुरू होगी और 3 अक्टूबर को 12:18 बजे समाप्त होगी।

भाजपा के लिए जरूरी क्यों है बिश्नोई समाज?

अब आप ये भी जान लीजिए कि भाजपा के लिए बिश्नोई समाज इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि बिश्नोई समाज का हिसार, सिरसा और फतेहाबाद जिले में अच्छा प्रभाव है। कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में आने के बाद बिश्नोई समाज का अधिकतर वोट बैंक भाजपा में शिफ्ट होने की उम्मीद है। सिरसा, डबवाली, फतेहाबाद, हिसार, आदमपुर, नलवा, बरवाला विधानसभा में बिश्नोई समाज के काफी वोटर हैं। हिसार लोकसभा में करीब 48 हजार और सिरसा में 51 हजार बिश्नोई समाज के वोट हैं। पार्टियों का मानना है कि बिश्नोई समाज का वोटर हमेशा एकजुट रहता है। इसलिए बिश्नोई समाज के वोट को निर्णायक वोट माना जाता है।

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