Dushyant Chautala ने अब JJP से बागी हुए विधायकों और नेताओं के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की है। हालांकि उन्होंने इन्हीं बागी नेताओं के बहाने भाजपा को भी ‘शायराना’ ढंग से हमला बोलते हुए आड़े-हाथों लिया है। बता दें कि हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में जेजेपी से बागी विधयाकों के खिलाफ अपना गुस्सा बयां किया है। वहीं भाजपा पर भी निशाना साधा है। इस पोस्ट में उन्होंने तमाम बागी विधयाकों और नेताओं की फोटोज भी शेयर की।
अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि “अब तक तो कहते थे वो 400 पार, नेता लेने पड़ रहे हैं जेजेपी से उधार, दिल्ली में बैठे कर रहे है इंतजार, हो नहीं रहे इनके पूरे 90 उम्मीदवार, विधानसभा ढूंढ रहे हैं इनके सरदार, ना करनाल में जीत, लाडवा में भी हार, बस आने दो 5 अक्तूबर इस बार, उसके बाद ये हमेशा के लिए बाहर।”
10 में 7 विधायक जेजेपी को अलविदा कह चुके
आपकी जानकारी के लिए बता कि विधानसभा चुनाव 2024 की घोषणा के बाद जेजेपी के 10 विधायकों में से 7 विधायक पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। जिनमें अनूप धानक, जोगीराम सिहाग, ईश्वर सिंह, रामकरण काला, देवेंद्र बबली, रामनिवास सूरजाखेड़ा, रामकुमार गौतम शामिल रहे। फिलहाल जेजेपी के पास तीन विधायक हैं। जिनमें खुद दुष्यंत चौटाला, उनकी मां नैना चौटाला व अमरजीत ढांडा शामिल हैं।
साढ़े चार साल भाजपा के साथ चलाई गठबंधन में सरकार
2019 विधानसभा चुनाव में जेजेपी के 10 विधायक जीतकर आए थे। जिसके बाद जेजेपी ने भाजपा के साथ गठबंधन करके हरियाणा में सरकार बनाई। वहीं करीब साढ़े 4 साल सरकार चलाई। 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह भी इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए। JJP विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और विधायक जोगीराम सिहाग भी भाजपा के कार्यक्रमों में नजर आए। वहीं गठबंधन टूटने के बाद कई बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ी।
लोस चुनावों में JJP को 0.87 प्रतिशत वोट मिले थे
लोकसभा चुनाव में JJP को 0.87 प्रतिशत ही वोट मिल पाए हैं। सबसे खराब स्थित अंबाला, रोहतक, कुरुक्षेत्र और सोनीपत की रही। यहां JJP प्रत्याशी 10 हजार से ऊपर वोट नहीं ले पाए। सबसे कम फरीदाबाद में नलिन हुड्डा को 5361 वोट मिले। वहीं सबसे अधिक वोट हिसार में दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला को मिले। नैना चौटाला को 22032 वोट मिले। इसके अलावा पार्टी तीसरे से लेकर पांचवें स्थान पर रही। वहीं बसपा और इनेलो का प्रदर्शन जजपा से बेहतर रहा। हालांकि बसपा और इनेलो की भी चुनाव में जमानत जब्त हुई।