Karnal में आज हरियाणा की नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन(Nursing Welfare Association) ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन(protested) किया। नर्सों ने प्रेम नगर में स्थित मुख्यमंत्री के आवास का घेराव(surrounded the CM residence) किया। पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन नर्सों ने सड़क जाम कर धरना(protest by blocking the road) शुरू कर दिया। धरना पर बैठी नर्सों से प्रशासनिक अधिकारी बातचीत कर रहे हैं, लेकिन नर्सों का कहना है कि जब तक उन्हें मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलने का समय नहीं दिया जाता, वे धरना नहीं छोड़ेंगी।
नर्सिंग एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष सुनीता ने बताया कि उनकी मांगें लंबे समय से लंबित हैं और सरकार उन्हें नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने कहा, “23 जुलाई को हमने काले बिल्ले लगाकर प्रदर्शन किया था, लेकिन सरकार ने अब तक कोई ध्यान नहीं दिया। हमारी मांगें 1998 से चली आ रही हैं। 1998 में हमने दो महीने की हड़ताल और जेल भरो आंदोलन भी किया था। यहां कई नर्स जेल में भी रह चुकी हैं। केंद्र सरकार हमें 7200 रुपए का नर्सिंग अलाउंस देती है, लेकिन हरियाणा सरकार ने इसे देने में भेदभाव किया है।

हरियाणा में मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग स्टाफ को अलाउंस मिलता है, जबकि सिविल अस्पतालों के नर्सिंग स्टाफ को यह सुविधा नहीं मिलती। सुनीता ने बताया, “हमारी योग्यता और काम समान हैं, फिर भी हमें अलग तरीके से ट्रीट किया जा रहा है। 2018 में नर्सिंग एसोसिएशन ने अपनी मांगों का ड्राफ्ट सरकार को सौंपा था, लेकिन आज तक उसका नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ। सुनीता ने कहा, “हमने अपनी ड्यूटी एडजस्ट करके यहां आए हैं और प्रदर्शन से किसी भी व्यक्ति या मरीज को परेशानी नहीं होने देंगे। जब तक हमें ठोस आश्वासन नहीं मिलता, तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा।
सरकार को अवगत कराया
नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन ने समय-समय पर अपनी मांगों के बारे में सरकार को अवगत कराया है। इन मांगों में केंद्र के समान नर्सिंग अलाउंस 7200 रुपए, केंद्र के समान ग्रुप-सी से ग्रुप-बी में पदोन्नति, डिप्टी डायरेक्टर और असिस्टेंट डायरेक्टर नर्सिंग के पदों को भरने जैसी मांगे शामिल हैं। लेकिन विभाग और सरकार द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे नर्सिंग कैडर में काफी नाराजगी है।

अपने हक के लिए लड़ते रहेंगे
नर्सों का कहना है कि सरकार की अनदेखी के कारण उन्हें बार-बार प्रदर्शन करना पड़ रहा है। वे अपने हक के लिए लड़ती रहेंगी और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे संघर्ष करती रहेंगी। इस प्रदर्शन का उद्देश्य सरकार का ध्यान उनकी मांगों की ओर खींचना है। नर्सों का कहना है कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगी। नर्सिंग स्टाफ ने यह भी कहा कि वे अपने अधिकारों के लिए आखिरी दम तक लड़ेंगी और किसी भी हालत में पीछे नहीं हटेंगी।
बातचीत का दौर
प्रदर्शन के दौरान नर्सों और प्रशासन के बीच बातचीत का दौर जारी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है। नर्सों का कहना है कि वे मुख्यमंत्री से मिलने के बाद ही धरना समाप्त करेंगी। नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन का यह प्रदर्शन इस बात को साफ करता है कि वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं और उन्हें पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं। उनकी मांगें पूरी होने से ही वे वापस लौटेंगी।