Ratan Tata के निधन के बाद टाटा ग्रुप के सबसे बड़े स्टेकहोल्डर ‘टाटा ट्रस्ट’ की कमान अब उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को सौंपी गई है। शुक्रवार को मुंबई में आयोजित एक मीटिंग में नोएल के नाम पर सहमति बनी।
नोएल टाटा अपने पारिवारिक संबंधों और टाटा ग्रुप की कई कंपनियों में अपनी भागीदारी के चलते टाटा की विरासत को संभालने के प्रमुख दावेदार माने जा रहे थे। वे पहले से ही सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं, जो टाटा ग्रुप की परोपकारी संस्थाओं का संचालन करते हैं।
प्रमुख पदों पर नोएल टाटा
नोएल टाटा फिलहाल टाटा ग्रुप की कंपनी ट्रेंट और वोल्टास के चेयरमैन हैं। इसके अलावा, वह टाटा इन्वेस्टमेंट और टाटा इंटरनेशनल के चेयरमैन भी हैं। साथ ही, वे टाटा स्टील और टाइटन में वाइस चेयरमैन के पद पर भी कार्यरत हैं।
टाटा ट्रस्ट की 66% हिस्सेदारी
टाटा ट्रस्ट, जो टाटा ग्रुप की परोपकारी संस्थाओं का समूह है, 13.8 लाख करोड़ रुपए के रेवेन्यू वाले टाटा ग्रुप में 66% हिस्सेदारी रखता है। इसमें सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के पास टाटा संस की 52% हिस्सेदारी भी शामिल है।