तकनीकी दुनिया में एक और क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत होने वाली है। मेटा के सीईओ Mark Zuckerberg का मानना है कि आने वाले दस सालों में स्मार्टफोन इतिहास बन जाएंगे और उनकी जगह स्मार्ट ग्लास ले लेंगे। जुकरबर्ग के अनुसार स्मार्ट ग्लास न केवल लोकप्रियता में स्मार्टफोन को पीछ छोड़े देंगे, बल्कि उनका उपयोग भी कहीं ज्यादा व्यापक हो जाएगा।
भविष्य में लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल सिर्फ चुनिंदा कामों के लिए ही करेंगे, जबकि अधिकांश काम स्मार्ट ग्लास के जरिए होंगे। मेटा, एप्पल, सैमसंग और गूगल जैसी दिग्गज टेक कंपनिया पहले ही इस तकनीक पर काम शुरु कर चुकी हैं। मेटा ने रे-बैन के साथ साझेदारी में उन्नत स्मार्ट ग्लास तैयार करने की योजना बनाई है, वहीं गूगल और सैमसंग भी एआई-इनेबल्ड स्मार्ट ग्लासेज पर काम कर रहे हैं।

स्मार्ट ग्लास की खासियतें
- ऑगमेंटेड रियलिटी से लैस आसान इंटरफेस
इन स्मार्ट ग्लास में ऑगमेंटेड रियलिटी तकनीक का इस्तेमाल होगा, जो यूजर्स को रियल-टाइम डिजिटल फीचर्स और नेविगेशन जैसी कई सुविधाएं देगा। - हाथों से नहीं, बोलकर करें सारे काम
इन ग्लासेज की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि यूजर्स सिर्फ बोलकर कॉल करने और मैसेज भेजने जैसे काम कर सकेंगे। - बिल्ट-इन स्पीकर्स का दमदार अनुभव
इन स्मार्ट ग्लास में बिल्ट-इन स्पीकर्स होंगे, जो ऑडियो नोटिफिकेशन के माध्यम से जरूरी जानकारी देंगे। इससे यूजर्स को हर अपडेट रियल-टाइम में मिलेगा। - संचार का आधुनिक तरीका
जुकरबर्ग का कहना है कि मेटा की एआई तकनीक के साथ ये स्मार्ट ग्लास एक नई डिजिटल दुनिया का दरवाजा खोल देंगे। लोग न केवल इनसे बात कर सकेंगे, बल्कि डिजिटल चीजों को वास्तविक रूप में महसूस भी कर पाएंगे।

बदलाव की दहलीज पर तकनीक
माना जा रहा है कि मेटा समेत अन्य कंपनियां इस नई तकनीक के जरिये न केवल संचार के तरीके में बदलाव करेंगी, बल्कि लोगों के जीवन को भी आसान और बेहतर बनाएंगी। स्मार्ट ग्लास भविष्य में हमारी जिंदगी के अहम हिस्सा बन सकते हैं।