Delhi, पश्चिम बंगाल, बिहार, जम्मू-कश्मीर और ओडिशा समेत 6-7 राज्यों में पिछले 9 दिनों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। हालांकि, अब तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं आई है। इन झटकों के चलते लोग दहशत में हैं और बार-बार महसूस होने वाले भूकंप के कारण लोग सवाल उठा रहे हैं, क्या यह किसी बड़ी आपदा का संकेत है?
17 फरवरी का भूकंप:
17 फरवरी को दिल्ली-NCR और बिहार में सुबह 5:36 बजे तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस भूकंप के कारण कई लोग डर से अपने घरों से बाहर निकल आए थे। बाद में यह झटके बिहार और बांग्लादेश तक महसूस किए गए थे। दिल्ली में भूकंप का केंद्र जमीन से केवल 5 किलोमीटर नीचे था, जिससे इसका असर अधिक महसूस हुआ।
जम्मू-कश्मीर और उत्तर भारत में भूकंप:
22 और 23 फरवरी को जम्मू-कश्मीर में कुपवाड़ा में और उत्तर भारत में गाजियाबाद में भूकंप के झटके महसूस हुए। इन घटनाओं में भी किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ था। 24 फरवरी को दिल्ली-NCR में फिर से हल्के भूकंप के झटके महसूस हुए, जिनकी तीव्रता 3.3 मापी गई थी।
ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भूकंप:
आज यानी 25 फरवरी को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कुछ शहरों में सुबह 6:10 बजे तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। पुरी, बरहामपुर, बालासोर और भुवनेश्वर जैसे शहरों में लोग घरों से बाहर निकल आए थे। इसका केंद्र बंगाल की खाड़ी में स्थित था और इसकी तीव्रता 5.1 मापी गई।
भूकंप क्यों आते हैं?
वैज्ञानिकों के अनुसार, धरती की सतह पर सात बड़ी टेक्टोनिक प्लेट्स और कई छोटी प्लेट्स मौजूद हैं, जो लगातार एक-दूसरे से टकराती रहती हैं। इन टक्करों के कारण प्लेट्स के किनारे मुड़ते हैं और दबाव की स्थिति में वे टूटकर ऊर्जा बाहर की ओर फैलने का रास्ता बनाते हैं, जिससे भूकंप आता है।
क्या खतरे की आहट है?
हालांकि इन भूकंपों में किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, फिर भी बार-बार आ रहे भूकंप के झटके लोगों को चिंता में डाल रहे हैं। क्या आने वाले समय में इससे बड़ी आपदा हो सकती है? यह सवाल उठ रहा है और विशेषज्ञ इस पर ध्यान दे रहे हैं।