दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम Manish Sisodia की जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। शराब घोटाले में गिरफ्तार और तिहाड़ जेल में लगभग 16 महीनों से बंद दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया जमानत पर रिहा हो सकते हैं या फिर उन्हें बड़ा झटका भी लग सकता है।
उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ करेगी। हाल ही में दिल्ली की एक अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत 31 जुलाई तक बढ़ा दी थी। सिसोदिया को तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था।
सीबीआई और ईडी की दलीलें
सीबीआई और ईडी ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया है। सीबीआई और ईडी का कहना है कि सिसोदिया शराब घोटाले के मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपी हैं। अगर वह जेल से बाहर आते हैं, तो वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। इससे मामले और जांच पर प्रभाव पड़ेगा।
ईडी का जवाब दाखिल करने में देरी
ईडी ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए और समय की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने 1 अगस्त तक का समय दिया था। इसके चलते सुनवाई 5 अगस्त तक स्थगित कर दी गई थी। मनीष सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ईडी की देरी पर आपत्ति जताई थी।
सीबीआई-ईडी का विरोध
सीबीआई और ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने 29 जुलाई को पीठ से कहा था कि सीबीआई ने सिसोदिया की याचिका पर जवाब दाखिल कर दिया है, लेकिन वह रिकॉर्ड में अभी उपलब्ध नहीं है।
सिसोदिया की गिरफ्तारी
मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति घोटाले के मामले में 26 फरवरी 2023 को सीबीआई ने करीब 8 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद ईडी ने 9 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करते हुए सिसोदिया को गिरफ्तार किया। दोनों एजेंसियों ने सिसोदिया के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल की है। आज की सुनवाई में यह तय होगा कि मनीष सिसोदिया को जमानत मिलेगी या फिर उनकी हिरासत बढ़ाई जाएगी।