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महामंडलेश्वर पद से हटाई गईं Mamta Kulkarni, किन्नर अखाड़े ने इस कारण लिया एक्शन

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प्रयागराज महाकुंभ में संन्यास लेकर किन्नर अखाड़े में शामिल हुईं बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस Mamta Kulkarni को एक विवाद के बाद महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया है। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने यह कार्रवाई की है, जिसके साथ-साथ उन्हें अखाड़े से निष्कासित भी कर दिया गया है।

महामंडलेश्वर बनने के बाद बढ़े विवाद

ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद से ही इस निर्णय का विरोध हो रहा था। कई साधु-संतों और आचार्यों के बीच इस पर मतभेद और नाराजगी देखने को मिली थी। यह आरोप भी लगाया गया था कि ममता कुलकर्णी का विवादित अतीत और किन्नर अखाड़े में उनके प्रवेश से धार्मिक समुदाय में गलत संदेश जा सकता है।

ऋषि अजय दास का बयान

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ऋषि अजय दास ने ममता कुलकर्णी और आचार्य लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और उन्हें पद से हटा दिया। उन्होंने कहा, “देशद्रोह की आरोपी ममता कुलकर्णी को अखाड़े में शामिल किया गया और बिना मेरी जानकारी के उन्हें महामंडलेश्वर बना दिया गया। यह सनातन धर्म और देश हित के विपरीत था, जिसके कारण मुझे उन्हें पद मुक्त करना पड़ा।”

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महाकुंभ में ममता कुलकर्णी ने अपना पिंडदान करने के साथ संगम में स्नान किया था और उनका नाम भी बदलकर “यमाई ममता नंद गिरी” रखा गया था। लेकिन अब विवादों के कारण उन्हें महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया है।

2012 में आई थी कुंभ
ममता कुलकर्णी ने कहा कि मुझे भगवान का ज्ञान हुआ। मेरे साथ मेरे गुरु का आशीर्वाद हमेशा रहा। मैं कुंभ में 2012 में आई थी और उस दौरान मुझे संन्यासियों के साथ रहने का मन करता था। उन्होंने कहा कि मैं संन्यास के तीन पथ को फॉलो करते हुए आगे बढ़ी।

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मध्यस्थ पंथ के तौर पर मैंने किन्नर अखाड़े को चुना। किन्नर अखाड़े को चुनने के पीछे उन्होंने वजह बताई कि यह अखाड़ा मुझे पूर्ण स्वतंत्रता देता है। मैं संन्यास लेने के बाद भी सामाजिक जीवन में बनी रह सकती हूं। अपने मन मुताबिक कार्य कर सकती हूं।

उन्होंने फिर से फिल्म इंडस्ट्री में वापसी के सवाल पर कहा कि इसका प्रश्न ही नहीं उठता, लेकिन मुझे अगर कोई धार्मिक फिल्म या धार्मिक सीरियल में किरदार करने का मौका मिलेगा, तो मैं जरूर करूंगी। मैं लोगों को सनातन के बारे में बताने के लिए अपने पुराने प्रोफेशन को चुन सकती हूं, लेकिन बाकी कामों के लिए नहीं। वहीं उन्होंने अपने विवादों पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह पिछला था, मैं सब भूल चुकी हूं। बार-बार एक ही बात को बोलना उचित नहीं है।

ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े की तरफ से वृंदावन का महामंडलेश्वर बनाया गया है। एक सवाल के जवाब में जब उनसे यह पूछा गया कि क्या मथुरा की सांसद हेमा मालिनी के साथ मिलकर आप सनातन की राह को और मजबूत करेगी तो उन्होंने कहा यह आगे देखा जाएगा।

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आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि ममता बड़ा नाम है। उन्हें सिर्फ किसी एक जिले की महामंडलेश्वर ही नहीं बल्कि पूरे किन्नर अखाड़े को मजबूत करने की जिम्मेदारी देते हुए प्रवक्ता की जिम्मेदारियां दी जाएगी। यह अभी आने वाले समय में होगा। उन्होंने यह भी बताया कि यदि ममता कुंभ में रहेंगी तो वह जूना अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़े की पेशवाई में शामिल होकर शाही स्नान का हिस्सा भी बनेंगी।

महामंडलेश्वर बनाए जाने के लिए जब ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक हो रहा था तो इस दौरान वह इतनी भावुक हुईं कि इस अनुष्ठान के दौरान वह रोती रहीं। उनके आंखों से आंसू बहते देखे गए। वहीं दूसरी तरफ वैदिक मंत्रों की उच्चारण से ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक हो रहा था।

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किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और अन्य आचार्य एवं संत ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक करा रहे थे। पट्टाभिषेक की इस क्रिया में ममता कुलकर्णी की शुद्धि की गई। उन्हें मंत्रोचारण के साथ शंख से गिरते दूध से नहलाया गया।

आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण ने कहा- टच में थीं ममता

किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण ने ममता कुलकर्णी के अखाड़े में शामिल होने को लेकर कहा कि, ममता कुलकर्णी पिछले डेढ़-दो साल से किन्नर अखाड़े और मेरे संपर्क में थीं। अब वह किन्नर अखाड़े में शामिल हुईं हैं। उन्हें महामंडलेश्वर बनाए जाने से पहले विधिवत सारी क्रिया की गई है।

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उनका पिंडदान हुआ है। उनका नाम बदलकर श्री यमाई ममता नंदगिरी रखा गया है। आचार्य महामंडलेश्वर ने यह तक कह दिया है कि, अगर ममता कुलकर्णी चाहें तो किसी भी धार्मिक पात्र का किरदार निभा सकती हैं, क्योंकि हम किसी को भी अपनी कला दिखाने से नहीं रोकते।

किन्नर अखाड़ा कैसे काम करता है?

जानकारी के अनुसार, किन्नर अखाड़ा जूना अखाड़े का हिस्सा है। हालांकि, इस अखाड़े को अलग मान्यता देने की मांग हो रही है। किन्नर अखाड़ा 2015 में स्थापित हुआ था। जिसका मुख्य उद्देश्य ट्रांसजेंडर समुदाय को आध्यात्मिक और सामाजिक क्षेत्रों में समानता और मान्यता देना है।

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अब, ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर के रूप में नियुक्त करके अखाड़ा अपने संदेश और प्रभाव को और अधिक फैलाने कोशिश कर रहा है। ममता कुलकर्णी सनातन के साथ-साथ किन्नर अखाड़े के प्रचार-प्रसार को भी बढ़ावा देंगी।

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