Internal conflict is the reason behind the defeat of BJP

Haryana में BJP प्रत्याशियों के हारने की वजह अंदरूनी कलह, जानें कौन-कौन से जिलों की तैयार हुई रिपोर्ट

लोकसभा चुनाव हरियाणा

Haryana के हालिया लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी(BJP) को तीन महत्वपूर्ण सीटों पर भीतरघात की शिकायतें मिली थीं। भाजपा प्रत्याशियों को पार्टी के ही कुछ नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप भाजपा इन सीटों पर हार गई।

सोनीपत सीट पर चुनाव की सबसे टफ फाइट देखने को मिली। यदि यहां भीतरघात न हुआ होता, तो भाजपा इस सीट को जीत सकती थी। अब चुनाव के बाद, भाजपा कार्यकर्ताओं के फीडबैक और सीआईडी की मदद से रिपोर्ट तैयार की जा रही है कि कौन सा प्रत्याशी किन कारणों से हारा। सोनीपत, हिसार और सिरसा में यह रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। इस रिपोर्ट में विधायक, पूर्व विधायक और जिलाध्यक्षों के नाम शामिल हैं। हालांकि, पार्टी इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करेगी, मगर जिनके नाम इसमें हैं, उनकी जल्द ही संगठन से छुट्टी हो सकती है।

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इसके अलावा पार्टी के भीतर यह भी चर्चा है कि विधायक और पूर्व विधायकों के विधानसभा टिकट काटे जा सकते हैं। हरियाणा भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भीतरघातियों को सख्त संदेश देना चाहती है। चुनाव के बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पंचकुला में सभी प्रत्याशियों की एक बैठक बुलाई थी, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी मौजूद थे। इस बैठक में प्रत्याशियों ने भीतरघात से होने वाले नुकसान के बारे में चर्चा की। बैठक में जो नाम सामने आए, उनके आधार पर पार्टी ने कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेना शुरू कर दिया था।

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नायब सैनी का सख्त संदेश

चुनाव नतीजों से पहले ही मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भीतरघातियों को स्पष्ट संदेश दिया था कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा और दिल्ली दरबार में इसकी शिकायत की जाएगी। भाजपा को सबसे बड़ी हैरानी यह है कि 4 महीने बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे विधायक और पूर्व विधायक जो विधानसभा में भी मजबूत दावेदार हैं, वे अपने बूथों से लेकर गांव और विधानसभा क्षेत्र में हार गए।

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हार के कारणों की रिपोर्ट

इन सबकी रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। भाजपा की अलग-अलग टीमें इस पर काम कर रही हैं और यह भी देखा जा रहा है कि अगर इनके टिकट काटे जाते हैं, तो उनकी जगह किसे टिकट दिया जा सकता है और उसका क्या प्रभाव होगा।

संभावित बदलाव

पार्टी के भीतर इस समय संभावित बदलावों की चर्चा है। जो नेता भीतरघात में शामिल पाए गए हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। यह कदम भाजपा की ओर से संगठन को मजबूत करने और आगामी विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है।

मीटिंग में चर्चा

पंचकुला में हुई बैठक में प्रत्याशियों ने बताया कि कैसे भीतरघात की वजह से नुकसान हुआ। सभी ने अपने-अपने क्षेत्रों में हुई घटनाओं की जानकारी दी। बैठक के बाद पार्टी ने फीडबैक लेने की प्रक्रिया शुरू की और जो नाम सामने आए, उनके खिलाफ कार्रवाई की योजना बनाई।

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