- पंजाब में गरीबों के लिए तय भारत राइस योजना में मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा, ईडी ने छापेमारी में ₹2.02 करोड़ नकद और ₹1.12 करोड़ के सोने के बुलेयन जब्त किए।
- चावल को गरीबों तक पहुंचाने के बजाय बेचा गया अन्य मिलर्स और अनधिकृत चैनलों को, सरकार की सब्सिडी योजना का दुरुपयोग।
- ईडी ने PMLA एक्ट के तहत पंजाब-हरियाणा में कई ठिकानों पर छापेमारी की, कई लग्जरी कारें, आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ जब्त।
भारत सरकार की ‘भारत राइस योजना’, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) को सस्ते दरों पर प्रोसेस्ड, साफ और पैक्ड चावल उपलब्ध कराना था, अब घोटाले की गिरफ्त में आ गई है। पंजाब में योजना के तहत दिए जाने वाले चावलों को गरीबों तक पहुंचाने की बजाय मिलर्स और अवैध चैनलों के माध्यम से बेचकर मुनाफा कमाया गया। इस मामले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) जालंधर द्वारा की जा रही है।
ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत पंजाब और हरियाणा के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की, जिसमें निम्नलिखित बरामदगियां हुईं:
- ₹2.02 करोड़ की भारतीय मुद्रा नकद
- ₹1.12 करोड़ मूल्य का सोने का बुलेयन
- कई आपत्तिजनक दस्तावेज़, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ और रिकार्ड्स
- कई लग्जरी कारें जब्त
ईडी की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि घोटालेबाज संस्थाओं ने भारत राइस योजना के तहत सरकारी एजेंसियों से सब्सिडी पर चावल प्राप्त किया और उसे वितरण मानदंडों की अनदेखी करते हुए मिलर्स को या गैरकानूनी तरीके से आगे बेच दिया, जिससे उन्होंने भारी मुनाफा कमाया।
इसके पहले, 21 मई 2025 को मोहाली स्थित बाजवा डेवलपर्स लिमिटेड और उसके एमडी जरनैल सिंह बाजवा के खिलाफ भी छापेमारी की गई थी, जिसमें ₹42 लाख नकद और चार लग्जरी कारें जब्त की गई थीं।
ईडी की आगे की जांच जारी है और इसमें शामिल व्यक्तियों, संस्थाओं और लाभार्थियों की पहचान की जा रही है। माना जा रहा है कि यह घोटाला करोड़ों रुपये का है और कई स्तरों पर सरकारी तंत्र की मिलीभगत सामने आ सकती है।