(समालखा से अशोक शर्मा की रिपोर्ट) महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वावधान में रविवार को श्री नयना देवी मंदिर से लेकर श्रीहंस सत्संग आश्रम तक भव्य कलश यात्रा निकाली गई। यह यात्रा महावीर चौक होते हुए मोड़ा वाला मंदिर के पीछे स्थित आश्रम तक पहुंची, जिसमें सैकड़ों महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
यात्रा के दौरान डीजे पर गूंजते भजनों पर श्रद्धालु नाचते-गाते चल रहे थे। इस मौके पर महात्मा प्रभुभक्तानंद जी ने कहा, “वास्तव में शिव भजन वही है, जो स्वयं भगवान शिव ने काशी में जीवों के कल्याण हेतु गाया। उसे जानने से ही सच्चा कल्याण संभव है।”
महात्मा संजीवनी बाई ने सत्संग में भक्त मीराबाई का उदाहरण देते हुए बताया कि, “मीराबाई महाराणा की पत्नी थीं, उनके पास अपार धन-संपत्ति थी, लेकिन शांति और सच्चा सुख उन्हें केवल भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में ही मिला। इसलिए हमें भी श्री गुरु महाराज जी के चरणों में प्रेम और श्रद्धा रखनी चाहिए।”

यात्रा के बाद बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए, जिसमें उन्होंने धार्मिक गीतों और भजनों की प्रस्तुति दी। जगनलाल कुलताजपुर द्वारा भंडारे का आयोजन किया गया, जहां श्रद्धालुओं ने आरती के बाद प्रसाद ग्रहण किया।
इस शुभ अवसर पर ओम प्रकाश यादव (डायरेक्टर), लालचंद, नंदलाल, संतराम, महीपाल, बिहारीलाल, नेतराम, रोशनी, माली, हरिराम, पूजा, सुमन, लेखराज समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।