Kurukshetra विश्वविद्यालय के लॉ स्टूडेंट अर्जुन, जो जींद के नरवाना कस्बा निवासी था, ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले उसने एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उसने अपने फैसले के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया। अर्जुन के पिता मुकेश, जो वायुसेना से सेवानिवृत्त हैं, ने बताया कि उनका बेटा मानसिक परेशानी से जूझ रहा था, जिसके चलते उसने यह कदम उठाया।
अर्जुन कुरुक्षेत्र में एक धर्मशाला में किराए पर रह रहा था। उसके पिता ने कई बार उसे फोन करने की कोशिश की, लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला तो धर्मशाला के मैनेजर से संपर्क किया। मैनेजर और चौकीदार ने जब कमरे की खिड़की से झांका तो अर्जुन का शव पंखे से लटका मिला।
धर्मशाला प्रबंधन ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आवश्यक कार्रवाई की। पुलिस ने अर्जुन के पिता के बयान के आधार पर इसे मानसिक परेशानी के कारण उठाया गया कदम मानते हुए पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।