Haryana सहित पूरे एनसीआर क्षेत्र में इन दिनों एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में अब दीपावली भी आने वाली है तथा बड़ी संख्या में लोगों के पटाखे जलाने से प्रदूषण भी बढने की उम्मीद है। ऐसे में स्कूली बच्चों ने प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से लेते हुए भिवानी में प्रदूषण मुक्त दीपावली को लेकर शहर के विभिन्न चौराहों पर बैनर, पंपलेट लेकर राहगीरों को पटाखा रहित दीपावली मनाने के लिए अभियान चलाया, ताकि ग्लोबल वार्मिंग व भयावह प्रदूषण से बचा जा सकें।
दीपावली पर्व को खुशियों, सुख, समृद्धि व आपसी भाईचारे के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। इससे हमारी परंपरा व संस्कृति आगे बढ़ती है। ऐसे में अनार, रॉकेट, चकरी, बम जैसे पटाखे ना केवल वायु प्रदूषण फैलाते है, बल्कि ध्वनि प्रदूषण का कारक भी बनते हैं। भिवानी के स्कूली बच्चों ने आज शहर के विभिन्न चौराहों पर एकत्रित होकर हाथों में बैनर लेकर पर्यावरण संरक्षण को बचाने के लिए पटाखा मुक्त दीपावली मनाने का संदेश दिया तथा आने-जाने वाले वाहनों को रूकवाकर उन्हें प्रदूषण रहित दीपावली मनाने के लिए पंपलेट बांटकर प्रेरित किया तथा इको फ्रैंडली मनाने की बात कही।
प्रदूषण से बच्चों व बुजुर्गो के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव
स्कूली छात्राओं सुमन, आहना, पीहू, मनीषा ने बताया कि दीपावली को हम दीपक जलाकर भारतीय परंपरा व संस्कृति के अनुसार बेहतर तरीके से मना सकते हैं। प्रदूषण से बच्चों व बुजुर्गो के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है। विशेषकर अस्वस्थ व्यक्तियों को दीपावली के दिनों में काफी परेशानी होती है। ऐसे में पटाखे जलाने वाली गलत परंपरा को त्यागने का समय आ गया है। हमें दीपावली घी के दीपक जलाकर व पूजा-पाठ व आपस में मिठाई बांटकर मनानी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पेड़-पौधें मनाने का संदेश भी दिया।