Copy of ct 21

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में चार लाख फर्जी विद्यार्थियों के नाम पर सरकारी फंड की बंदरबांट, कोर्ट सख्‍त

हरियाणा
  • हरियाणा के सरकारी स्कूलों में करीब चार लाख फर्जी विद्यार्थियों के नाम पर फंड घोटाले की जांच छह साल बाद भी अधूरी
  • सीबीआई ने हाईकोर्ट से चार माह का और समय मांगा, जिसे कोर्ट ने मंजूरी दी
  • हाईकोर्ट ने जांच में सहयोग न करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी


CBI probe on fake student scam: हरियाणा के सरकारी स्कूलों में कथित तौर पर चार लाख फर्जी विद्यार्थियों के नाम पर सरकारी फंड की बंदरबांट के मामले में सीबीआई की जांच छह वर्षों बाद भी पूरी नहीं हो पाई है। जांच एजेंसी ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से अतिरिक्त समय की मांग करते हुए कहा कि मामले में अब तक सात एफआईआर दोबारा दर्ज की जा चुकी हैं और जांच प्रक्रिया जारी है, जिसमें कई जटिल पहलू सामने आए हैं। एजेंसी का कहना है कि विस्तृत आंकड़ों का विश्लेषण और समेकन एक समय लेने वाली प्रक्रिया है, जिसके लिए और वक्त जरूरी है।

जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस मीनाक्षी आई मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश सीबीआई की अर्जी के निपटारे के दौरान पारित किया। अदालत ने जांच पूरी करने के लिए चार महीने की मोहलत देते हुए हरियाणा के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के महानिदेशक को निर्देशित किया है कि वे जांच में पूरा सहयोग करें और संबंधित दस्तावेज शीघ्र उपलब्ध कराएं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी भी व्यक्ति द्वारा जांच में बाधा उत्पन्न की जाती है, तो सीबीआई को उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की पूरी छूट होगी।

Whatsapp Channel Join

सीबीआई ने यह भी अनुरोध किया था कि रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिए जाएं कि वे शिक्षा विभाग तथा हरियाणा सरकार की ओर से दाखिल हलफनामों और दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए सीबीआई को नियमानुसार विधिवत आवेदन प्रस्तुत करना होगा। मामला अत्यंत संवेदनशील है, क्योंकि यह सीधे-सीधे सरकारी धन के दुरुपयोग और शिक्षा प्रणाली में गड़बड़ी से जुड़ा हुआ है। अब देखना होगा कि चार माह की इस अतिरिक्त अवधि में सीबीआई जांच को किसी निष्कर्ष तक पहुंचा पाती है या नहीं।