कोचिंग सैंटर

कोचिंग संस्थानों के 100% नौकरी की गारंटी वाले दावों पर लगाम, केंद्र सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन

हरियाणा दिल्ली

कोचिंग संस्थानों द्वारा भ्रामक विज्ञापनों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को नई गाइडलाइन जारी की हैं। सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक, अब से कोचिंग सेंटरों को 100 प्रतिशत चयन या नौकरी की गारंटी जैसे झूठे दावों वाले विज्ञापनों पर रोकथा के लिए यह कदम उठाया गया है

उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने देखा है कि कोचिंग सेंटर जानबूझकर भावी छात्रों से जानकारी छिपा रहे हैं। इसलिए, हम कोचिंग उद्योग से जुड़े लोगों को मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए दिशा-निर्देश लेकर आए हैं।’ बता दें, गाइडलाइन जारी होने के बाद से सीसीपीए ने अब तक 54 नोटिस जारी किए हैं और लगभग 54.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

कोचिंग सेंटरों के लिए नए दिशानिर्देश

कोचिंग सेंटरों को पाठ्यक्रम, अवधि, संकाय योग्यता, फीस, रिफंड नीतियों, चयन दरों और नौकरी की गारंटी के बारे में भ्रामक जानकारी देने से बचना चाहिए। ‘कोचिंग’ शब्द में अकादमिक सहायता और ट्यूशन शामिल है, लेकिन काउंसलिंग और खेल गतिविधियाँ शामिल नहीं हैं।

किस पाठ्यक्रम में लिया था दाखिला

खरे ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा के कई अभ्यर्थी प्रारंभिक और मुख्य परीक्षाएं खुद अध्ययन करके ही उत्तीर्ण कर लेते हैं और कोचिंग संस्थानों से केवल साक्षात्कार के लिए मार्गदर्शन लेते हैं। उन्होंने अभ्यर्थियों को यह सलाह दी कि वे इस बात की जांच कर लें कि सफल अभ्यर्थियों ने असल में किस पाठ्यक्रम में दाखिला लिया था।

विज्ञापन के लिए सफल अभ्यर्थियों की लेनी होगी लिखित सहमति

कोचिंग संस्थान सफल अभ्यर्थियों की लिखित सहमति के बिना उनके नाम और तस्वीर या संस्थान की प्रशंसा में उनकी टिप्पणियों का उपयोग नहीं कर सकते। उन्हें अस्वीकरण को प्रमुखता से प्रदर्शित करना चाहिए और पाठ्यक्रमों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा करना चाहिए।

खरे ने कहा, ‘‘सिविल सेवा परीक्षा के कई अभ्यर्थी प्रारंभिक और मुख्य परीक्षाएं खुद अध्ययन करके ही उत्तीर्ण कर लेते हैं और कोचिंग संस्थानों से केवल साक्षात्कार के लिए मार्गदर्शन लेते हैं।’’ उन्होंने अभ्यर्थियों को यह सलाह दी कि वे इस बात की जांच कर लें कि सफल अभ्यर्थियों ने असल में किस पाठ्यक्रम में दाखिला लिया था.।

सीसीपीए प्रमुख खरे ने कहा कि कोचिंग संस्थानों को यह बताना चाहिए कि पेश किए जाने वाले पाठ्यक्रम विधिवत मान्यता प्राप्त हैं। ये प्रावधान मौजूदा कानूनों के अतिरिक्त हैं. खरे ने कहा कि उल्लंघन करने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत जुर्माना लगाया जाएगा।

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