Haryana के कैथल से कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने हरियाणा विधानसभा के सत्र में किसानों के अधिकारों के लिए कड़ी आवाज उठाई। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा जैसे कृषि प्रधान प्रदेश में किसान, मजदूर और आढ़ती के हितों की अनदेखी हो रही है। सुरजेवाला ने सरकार के कृषि बजट को लेकर गंभीर सवाल उठाए।
किसानों के लिए बजट पर सवाल
सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा सरकार के 2022-23 के बजट में जो राशि किसानों के लिए पास हुई थी, उसका 31% कम खर्च हुआ। यही स्थिति 2023-24 के बजट में भी रही। उन्होंने आशंका जताई कि 2024-25 के बजट में भी किसानों के लिए आवंटित धनराशि का 20-30% हिस्सा खर्च नहीं किया जाएगा।
धान आवक में गिरावट का मुद्दा
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस सीजन में 64 लाख मिट्रिक टन धान की आवक का लक्ष्य रखा था, लेकिन 6 लाख मिट्रिक टन कम आवक हुई। केवल कैथल जिले में ही 1 लाख 18 हजार मिट्रिक टन धान की कमी दर्ज की गई। सुरजेवाला ने इसे किसान और आढ़ती को खत्म करने का षड्यंत्र बताया।
धान के समर्थन मूल्य पर सवाल
आदित्य सुरजेवाला ने कहा कि मुख्यमंत्री ने किसानों से धान का रेट ₹3100 प्रति क्विंटल देने का वादा किया था, लेकिन किसानों को ₹2000-₹2100 प्रति क्विंटल ही मिला। उन्होंने सरकार से पूछा कि बकाया ₹1000 प्रति क्विंटल की राशि कब तक किसानों के खाते में डाली जाएगी?
हरियाणा का कृषि बजट अन्य राज्यों से कम
सुरजेवाला ने यह भी कहा कि हरियाणा का 2024-25 का कृषि बजट कुल खर्च का केवल 5.3% है, जो अन्य राज्यों की तुलना में 10% कम है। 2023-24 में हरियाणा का कृषि बजट 5.2% था, जबकि अन्य राज्यों का औसत 5.8% था। उन्होंने सरकार को किसानों के प्रति गंभीरता दिखाने और बजट में उचित सुधार करने की मांग की।