Haryana सरकार की धान खरीद व्यवस्था में भ्रष्टाचार मिटाने के दावे करनाल में विफल होते नजर आ रहे हैं। सरकारी धान की फर्जी खरीद का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें फिजिकल वैरिफिकेशन के दौरान करीब 4,000 क्विंटल धान की कमी पाई गई है।
करनाल के डीसी उत्तम कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए निर्देश जारी किए हैं कि उन सभी राइस मिलों का फिजिकल वैरिफिकेशन कराया जाए, जहां गड़बड़ी की आशंका है। इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि सरकारी धान खरीद प्रक्रिया में कितनी अनियमितता हुई है।
खाद्य आपूर्ति विभाग में हड़कंप
इस घटना के सामने आते ही खाद्य आपूर्ति विभाग में भी खलबली मच गई है। जिम्मेदार इंस्पेक्टर अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश में जुटे हैं। जिन राइस मिलों में धान की कमी पाई गई है, वहां विभागीय स्तर पर जांच शुरू कर दी गई है।
अधिकारियों की मिलीभगत का शक
अधिकारियों और इंस्पेक्टर की सीधी जिम्मेदारी होने के बावजूद, इस भ्रष्टाचार के पीछे मार्केट कमेटी के अधिकारियों और आढ़तियों की मिलीभगत की आशंका भी जताई जा रही है। यह गड़बड़ी इतनी बड़े स्तर पर बिना मिलकर संभव नहीं मानी जा रही है।
पहले चरण की जांच में बड़ा खुलासा
आईएएस अधिकारी योगेश सैनी के नेतृत्व में पहले चरण की फिजिकल वैरिफिकेशन के दौरान 4,000 क्विंटल धान की कमी पाई गई है। पहले चरण में हुए इस खुलासे के बाद आशंका है कि आगे की जांच में भ्रष्टाचार के और भी परतें सामने आ सकती हैं। इस घटना से प्रशासन और विभागीय अधिकारियों के लिए चुनौती खड़ी हो गई है, और भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।