Haryana के CM नायाब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के सभी तालाबों की सफाई सुनिश्चित की जाए ताकि उनका पानी पशुओं की प्यास बुझाने और सिंचाई कार्यों में उपयोगी बन सके। उन्होंने पंचायतों के सहयोग से ग्रामीणों को प्रेरित करने की बात कही कि वे तालाबों में कूड़ा-करकट और गंदा पानी न जाने दें।
मुख्यमंत्री आज चंडीगढ़ में “द हरियाणा पौंड एंड वेस्ट वाटर मैनेजमेंट अथॉरिटी” के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, जिसमें विकास और पंचायत विभाग, सिंचाई विभाग, वन विभाग, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, मछली पालन विभाग, लोक निर्माण विभाग, और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने भाग लिया।

जल-रिचार्ज के लिए 500 गांवों का चयन
मुख्यमंत्री ने गिरते भू-जल स्तर पर चिंता जताते हुए कहा कि पहले चरण में 500 गांवों के जल-रिचार्ज पर ध्यान केंद्रित किया जाए और इसे निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की बात का उल्लेख करते हुए कहा कि भूजल का गिरना देश के लिए बड़ी चुनौती है, और इस पर नियंत्रण पाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
नदियों को जोड़ने और तटबंधों को मजबूत करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने जल-ऑडिट के माध्यम से राज्य में जल प्रबंधन के व्यापक उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने नदियों को जोड़ने के लिए एक रोड-मैप तैयार करने का भी निर्देश दिया ताकि बरसात के दौरान बाढ़ के नुकसान से बचा जा सके और भू-जल स्तर को ऊपर लाया जा सके। इसके अलावा, उन्होंने नहरों और नदियों के तटबंधों को मजबूत करने की दिशा में “अमृत सरिता योजना” के तहत काम करने की योजना बनाई।
मछली पालन और जल निकासी के उपाय
मुख्यमंत्री ने जल भराव वाले क्षेत्रों जैसे चरखी दादरी, झज्जर, महेन्द्रगढ़, सोनीपत और रोहतक में सोलर पंप से जल निकासी का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने की बात कही ताकि जल निकासी के साथ-साथ स्थानीय आर्थिक विकास भी हो सके।
अमृत सरोवरों के किनारों पर पौधारोपण
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कुल 19,716 अमृत सरोवरों की स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन सरोवरों की देख-रेख जारी रखें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अमृत सरोवरों के किनारों पर पौधारोपण किया जाए, ताकि इनकी मजबूती बनी रहे और पर्यावरण को भी लाभ पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों को आपसी तालमेल से काम करने की सलाह दी ताकि जल-प्रदूषण और भू-जल स्तर में गिरावट के मुद्दे पर प्रभावी समाधान पाया जा सके।
बैठक में शामिल अधिकारी
इस बैठक में मुख्य सचिव श्री विवेक जोशी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता, वित्त आयुक्त श्री अनुराग रस्तोगी, और विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त डॉ. अमित कुमार अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।