Haryana सरकार के आदेश पर उच्चतर शिक्षा विभाग ने एक अहम कदम उठाया है। विभाग ने उन प्राध्यापकों की प्रमोशन पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं, जिन्होंने प्राइवेट यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है। सरकार का यह कदम तब आया जब एक बड़ा मामला हाईकोर्ट में पहुंचा, जिसके बाद विभागीय जांच शुरू की गई।
नए आदेशों के तहत प्रमोशन पर रोक:
उच्चतर शिक्षा विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर ने नए आदेश जारी करते हुए कहा है कि जिन प्राध्यापकों ने प्राइवेट विश्वविद्यालयों से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है, उनकी प्रमोशन को रोक दिया जाएगा। यह आदेश विभागीय कमेटी के फैसले तक लागू रहेगा।
PHD की डिग्री के लिए बढ़ती मांग:
सरकारी कॉलेजों में कार्यरत प्राध्यापकों के प्रमोशन के लिए पीएचडी की डिग्री जरूरी है, जिसके चलते बड़ी संख्या में प्राध्यापक प्राइवेट विश्वविद्यालयों से पीएचडी की डिग्रियां प्राप्त कर रहे थे। यह स्थिति तब आई जब हाईकोर्ट में मामले के उठने के बाद सरकार ने इस पर गंभीरता से जांच शुरू करवाई।
2200 लेक्चरर की पीएचडी डिग्रियों की जांच:
खबरों के अनुसार, अब तक सरकारी कॉलेजों के करीब 2200 एक्सटेंशन लेक्चरर की पीएचडी डिग्रियों की जांच की जा चुकी है। इनमें से 1600 प्राध्यापकों की डिग्रियां संदेह के घेरे में हैं। विभाग ने जांच को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं और आदेशों का पालन सुनिश्चित करने की हिदायत दी है।