Haryana सेवा का अधिकार आयोग ने क्वालिटी सर्टिफिकेट असिस्टेंस स्कीम के तहत एक मामले को अनुचित तरीके से खारिज करने पर MSME, हरियाणा निदेशालय के दो कर्मचारियों पर जुर्माना लगाया है। आयोग ने MSME के महानिदेशक को शिकायतकर्ता को मुआवजा देने का भी आदेश दिया है, जिससे सरकारी सेवा प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित हो सके।
हरियाणा निदेशालय के दो कर्मचारियों पर जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, आयोग ने एमएसएमई के महानिदेशक को शिकायतकर्ता को मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।
मामला: 17 दिसंबर 2024 को दायर शिकायत
आरटीएस आयोग के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि शिकायतकर्ता ने 17 दिसंबर 2024 को “क्वालिटी सर्टिफिकेट असिस्टेंस स्कीम” (आरटीएस 30 दिन) के तहत सहायता के लिए उनके आवेदन को अस्वीकार करने के संबंध में शिकायत दर्ज की थी। शिकायतकर्ता का कहना था कि उनके आवेदन को एक प्रश्न का कथित रूप से जवाब न देने के आधार पर अस्वीकार कर दिया गया, जबकि उन्हें जवाब देने का उचित अवसर नहीं दिया गया था।
आयोग का कड़ा कदम
मामले का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए, हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने दोषी कर्मचारियों पर जुर्माना लगाया और पीड़ित को मुआवजा देने का निर्देश दिया। आयोग ने इस कदम के साथ भविष्य में इस तरह के मामलों को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने की बात भी की।
यह निर्णय सरकारी कार्यालयों में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।