हिसार में सोमवार को आशा वर्कर्स ने जेल भरो आंदोलन के तहत जिला डीसी कार्यालय पर गिरफ्तारियां दी। आशा वर्कर्स यूनियन और सीटू प्रदेश अध्यक्ष सुरेखा ने कहा कि प्रदेश की आशा वर्कर्स 8 अगस्त से हड़ताल पर हैं। अगर जल्द वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया तो वे आंदोलन तेज करेंगे।
अनेकों बार प्रदर्शन करके मांग पत्र व ज्ञापन दिए गए। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने दो बार वार्ता के लिए समय दिया, लेकिन वार्ता वाले दिन इसे रद्द कर दिया। इससे आशा वर्कर्स में रोष है। 2018 के बाद महंगाई तो लगातार बढ़ी है, लेकिन आशा वर्कर्स का मानदेय नहीं बढ़ाया गया। इसलिए उनकी मांग है कि आशा वर्कर्स का मानदेय बढ़ाया जाए और न्यूनतम वेतन 26000 रूपए प्रति माह दिया जाय।
मानदेय को महंगाई भत्ते से जोड़ें
उन्होंने कहा कि आशा वर्कर्स के मानदेय को महंगाई भत्ते के साथ जोड़ा जाए। जिला अस्पताल सीएचसी व पीएचसी पर डिलीवरी रूम में दो-दो महिला डॉक्टर भर्ती किए जाएं। अल्ट्रासाउंड मशीन, एक्स-रे मशीन का इमरजेंसी में करवाने का प्रबंध किया जाए और मशीनों को चलाने के लिए ऑपरेटर की भर्ती की जाए।
खून जांच करवाने के लिए पहले पर्ची के लिए लाइन में लगना पड़ता है। फिर डॉक्टर के पास लाइन में लगना पड़ता है। बाद में रिपोर्ट लेने के लिए लाइन में लगना पड़ता है। उसके पश्चात डॉक्टर को रिपोर्ट दिखाने के लिए लाइन में लगना पड़ता है। अगर तब तक ढाई या 3 बज जाए तो डॉक्टर घर चला जाता है तो फिर उस रिपोर्ट को दिखाने के अगले दिन फिर जाना पड़ता है। इस तरह की कठिनाई से जनता बहुत परेशान है।