A truck loaded with illegal Khair wood was caught in Karnal, arrest of the accused continues

Karnal में अवैध खैर की लकड़ी से भरा ट्रक पकड़ा, आरोपियों की गिरफ्तारी जारी

करनाल

Karnal के इंद्री थाना क्षेत्र में वन विभाग और पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन के तहत अवैध रूप से काटी गई खैर की लकड़ी से भरा एक ट्रक पकड़ा है। हालांकि, ट्रक का चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस ने ट्रक और लकड़ी को जब्त कर लिया है।

मुखबिर से मिली सूचना
जानकारी के अनुसार, वन विभाग के अधिकारी अनुज कुमार को सुबह करीब 5 बजे एक गुप्त सूचना मिली कि कुछ तस्कर जंगल से चोरी की गई खैर की लकड़ी को टाटा कैंटर में भरकर करनाल की ओर बेचने के लिए ले जा रहे हैं। साथ में एक स्विफ्ट कार भी थी, जिसमें तस्कर ट्रक की निगरानी कर रहे थे।

नाकाबंदी तोड़ी, पुलिस ने पीछा किया
इस सूचना पर वन विभाग और पुलिस की टीम ने कलसौरा गांव के पास नाकाबंदी की। जब संदिग्ध ट्रक वहां पहुंचा, तो उसे रुकने का इशारा किया गया, लेकिन चालक ने नाका तोड़कर तेज गति से भागने की कोशिश की। ट्रक के साथ चल रही स्विफ्ट कार ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस और वन विभाग ने ट्रक का पीछा किया।

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डबकौली गांव में ट्रक पकड़ा
करीब 10 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद, ट्रक को डबकौली गांव के पास रोका गया। चालक और अन्य आरोपी खुद को घिरा देख खेतों की ओर भाग गए। ट्रक की जांच में भारी मात्रा में छिली हुई खैर की लकड़ी मिली, जिसे वन विभाग ने जब्त कर पुलिस को सौंप दिया।

आरोपियों का इतिहास और कार्रवाई
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी लंबे समय से खैर की लकड़ी की तस्करी में लिप्त रहे हैं। इनके खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं। इस बार भी उन्होंने खैर के पेड़ जंगल खिल्लावाला, आम्बवाली, बागपत और खोल फतेहगढ़ जंगल से काटे थे।

मामला दर्ज, गिरफ्तारी जारी
वन विभाग और पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927 और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मामला दर्ज किया है। इसके अलावा, सरकारी कार्य में बाधा डालने और जानलेवा हमले के आरोप में भी केस दर्ज किया गया है। अब पुलिस और वन विभाग आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए यमुनानगर और आसपास के क्षेत्रों में छापेमारी कर रहे हैं।

कड़ी कार्रवाई की मांग
वन विभाग के अधिकारी अनुज कुमार का कहना है कि इन आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि ये बार-बार जंगल से लकड़ी चोरी करने की घटनाओं में शामिल रहे हैं। पुलिस भी यह आश्वासन दे रही है कि जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

मामला

  • अधिनियम के तहत दर्ज मामला: भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 32, 33, 51 और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 27, 29, 39, 50
  • अपराध: सरकारी कार्य में बाधा डालना, जानलेवा हमला

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