अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा सरकार पर सरकारी स्कूलों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य में कई सरकारी स्कूलों में न तो छात्र हैं और न ही शिक्षक। कुमारी सैलजा ने इस स्थिति को सरकारी स्कूलों को बंद करने की साजिश के रूप में देखा है, जबकि सरकार निजी स्कूलों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है।
28 स्कूलों में एक भी छात्र नहीं
सैलजा ने बताया कि हरियाणा के 12 जिलों में 28 स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी छात्र नहीं है, लेकिन वहां पर 19 जेबीटी शिक्षक काम कर रहे हैं। ये स्कूल कुरूक्षेत्र (5), भिवानी (4), यमुनानगर (4), करनाल (3), सोनीपत (3), फतेहाबाद (2), महेन्द्रगढ़ (2), पलवल, कैथल, जींद, झज्जर और फरीदाबाद में स्थित हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इन शिक्षकों को ऐसे स्कूलों में तैनात करना चाहिए जहां छात्रों की संख्या ज्यादा हो, लेकिन शिक्षक कम हैं।
शिक्षा पर सरकार की नाकारापन
कुमारी सैलजा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार शिक्षा के प्रति गंभीर नहीं है और यह साफ प्रतीत हो रहा है कि सरकार गरीबों को शिक्षा के अधिकार से वंचित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने स्कूलों की अनदेखी कर रही है और निजी स्कूलों को बढ़ावा देने पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित कर रही है।
चिराग योजना पर उठाए सवाल
सैलजा ने हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई चिराग योजना पर भी सवाल उठाए। इस योजना के तहत राज्य सरकार मेधावी बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई के लिए वित्तीय सहायता देती है। कुमारी सैलजा ने कहा कि यह योजना गरीब परिवारों के बच्चों को निजी विद्यालयों में पढ़ाने का उद्देश्य रखती है, लेकिन सरकार को अपनी प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाना चाहिए।
सरकार से अपील
कुमारी सैलजा ने सरकार से अपील की कि वह शिक्षा पर अधिक ध्यान दे और अपने खर्चों को कम करके शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में कदम उठाए। उन्होंने कहा, “शिक्षित बच्चे ही प्रदेश और देश का भविष्य तय करेंगे, और यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वे इन बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराएं।”