Haryana बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और हरियाणवी सिंगर रॉकी मित्तल के खिलाफ हनी ट्रैप केस में गिरफ्तार आरोपियों ने तीन हफ्ते बाद कोर्ट में जमानत की याचिका दायर की। पंचकूला कोर्ट में सुनवाई के बाद मुख्य आरोपी महक अधलखा को राहत देते हुए उसकी जमानत मंजूर कर दी गई।
इस मामले की शुरुआत हिमाचल प्रदेश के कसौली गैंगरेप केस से हुई थी, जहां हनी ट्रैप का एंगल सामने आया। रॉकी मित्तल की शिकायत पर पीड़ित लड़की, उसकी सहेली और अमित बिंदल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। 13 दिसंबर 2024 को इस केस में एफआईआर दर्ज की गई थी। शिकायत में कहा गया कि आरोपी महिलाओं ने गोविंदा और रॉकी मित्तल को हनी ट्रैप में फंसाने के बाद पैसे की मांग की थी।
एफआईआर की महत्वपूर्ण बातें:
- हनी ट्रैप की धमकी: रॉकी मित्तल ने पुलिस को बताया कि 9 सितंबर 2024 को उन्हें मोहन लाल बड़ौली को हनी ट्रैप में फंसाने की धमकी दी गई थी।
- छवि खराब करने की कोशिश: आरोपी महिलाओं ने रॉकी के घर आकर हंगामा किया, ताकि उसकी छवि को समाज में खराब किया जा सके।
- झूठा केस दर्ज करने की धमकी: जब उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आरोपियों ने रॉकी और बड़ौली के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराया।
- AI का इस्तेमाल: रॉकी ने आरोप लगाया कि आरोपी महिला एक संगठन के साथ मिलकर AI तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों की वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करती हैं।
- माफी का बयान: 25 सितंबर 2024 को महिला आरोपियों ने थाने में आकर माफी मांगी और इसे राजनीतिक दबाव का परिणाम बताया।
- 50 लाख रुपए की मांग: महिला आरोपी ने रॉकी से 50 लाख रुपए की मांग की और जब मना किया तो उसने धमकी दी और झूठे इंटरव्यू देने शुरू कर दिए।
इस मामले की जांच अब भी जारी है और पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हालाँकि, गोविंदा और रॉकी मित्तल दोनों ही मामले को सुलझाने के लिए प्रयासरत हैं और इस बारे में कोई आधिकारिक बयान अभी तक सामने नहीं आया है।