Haryana में भाजपा सरकार के तहत माफियाओं का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। खासतौर पर खनन माफिया ने राज्य को बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, खनन माफियाओं ने लगभग 2200 करोड़ रुपए की सम्पत्ति को नष्ट किया है। इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री के नेतृत्व को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं।
किसान नेताओं का कहना है कि एक्सीडेंटल सीएम, जो पहले ही अपनी नीतियों और नेतृत्व को लेकर सवालों के घेरे में हैं, पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहे हैं। हरियाणा में माफिया राज की मौजूदगी और प्रशासन की चुप्पी एक गंभीर मुद्दा बन चुकी है, जिसे लेकर राज्य की भाजपा सरकार पर लगातार आलोचनाएं हो रही हैं।
हरियाणा-राजस्थान सीमा पर मचा हड़कंप
हरियाणा-राजस्थान सीमा पर खनन माफिया का आतंक लगातार बढ़ रहा है। एक साल के भीतर चौथी बार खनन माफिया ने अरावली पर्वतमाला की एक पहाड़ी को विस्फोट से उड़ा दिया, जिससे वह कुछ ही घंटों में पूरी तरह से ढह गई। यह घटना कथित तौर पर नूंह के रावा गांव में हुई थी, लेकिन हरियाणा के खनन अधिकारियों ने इसे पड़ोसी राजस्थान की घटना बताया।
ग्रामीणों के मुताबिक, विस्फोट रात के समय किया गया था और सुबह तक पहाड़ी ढह गई थी। ग्रामीणों ने घटना का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर साझा किया, जो द ट्रिब्यून के पास भी उपलब्ध है। जब यह घटना घटी, तब हरियाणा खनन विभाग की टीम गांव में मौजूद थी।
इस घटनाक्रम ने माफिया राज और प्रशासन की नाकामी को उजागर किया है। खनन माफिया की बढ़ती गतिविधियों और प्रशासन की निष्क्रियता पर अब सवाल उठने लगे हैं।
खनन अधिकारी ने घटना को राजस्थान का बताया
खनन माफिया का आतंक हरियाणा और राजस्थान सीमा पर लगातार बढ़ता जा रहा है। हरियाणा के खनन अधिकारी अनिल अटवाल ने कहा कि उन्हें अपने फोन पर घटना के दृश्य मिले हैं, लेकिन उन्होंने दावा किया कि यह घटना राजस्थान में हुई है। अटवाल ने द ट्रिब्यून से कहा, “हमारे पास वीडियो साक्ष्य हैं, लेकिन घटना राजस्थान की है। हम यह भी नहीं बता सकते कि यह लाइसेंसधारी खनिकों ने किया या खनन माफिया ने।”
स्थानीय लोगों ने प्रशासन और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पहाड़ी हरियाणा के अधिकार क्षेत्र में आती है और इस इलाके में अवैध खनन बड़े पैमाने पर हो रहा है। पंचायत के एक सदस्य ने कहा, “हमने शुक्रवार रात को धमाके की आवाज सुनी। पहाड़ी का एक हिस्सा तुरंत राजस्थान की ओर गिर गया, लेकिन आज जब खनन अधिकारी गांव में मौजूद थे, तब पूरी पहाड़ी ढह गई। पिछले दो सालों से हमारे इलाके में खनन माफिया सक्रिय है।”
यह घटना इस बात का प्रमाण है कि खनन माफिया की गतिविधियां बढ़ चुकी हैं और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से इलाके में अवैध खनन के मामलों में वृद्धि हो रही है।
“रातों-रात पहाड़ियां गायब हो जाती हैं, शिकायतों का कोई असर नहीं”