➤ मॉडल टाउन गुरुद्वारा नानक दरबार साहिब में श्रद्धा से मनाया गया मीरी-पीरी दिवस
➤ बीबी गुलशन कौर के परिवार द्वारा श्री सहजपाठ साहिब का आयोजन, भाई गुरमुख सिंह ने किया कीर्तन
➤ प्रधान जगतार सिंह बिल्ला ने गुरु हरगोबिंद साहिब के बलिदान और शिक्षाओं को बताया आज की प्रेरणा
समालखा/अशोक शर्मा
समालखा के मॉडल टाउन स्थित गुरुद्वारा नानक दरबार साहिब में शनिवार को सिखों के छठे गुरु श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी का मीरी-पीरी दिवस बड़ी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया। इस मौके पर बीबी गुलशन कौर के परिवार द्वारा श्री सहजपाठ साहिब के भोग डाले गए। इसके उपरांत भाई गुरमुख सिंह ने मधुर गुरबाणी कीर्तन कर संगत को आत्मिक शांति का अनुभव कराया।
गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान जगतार सिंह बिल्ला ने इस अवसर पर कहा कि 5 जुलाई का दिन गुरु हरगोबिंद साहिब जी के बलिदान और उनकी दी गई शिक्षाओं को स्मरण करने का दिन है। यह दिवस सिख समुदाय को अन्याय के विरुद्ध खड़े होने और सामाजिक न्याय के लिए निरंतर प्रयास करने की प्रेरणा देता है।
उन्होंने बताया कि गुरु हरगोबिंद साहिब जी जब गुरु बने, तो उन्होंने दो तलवारें धारण की — एक ‘पीरी’ यानी आध्यात्मिक शक्ति, और दूसरी ‘मीरी’ यानी लौकिक शक्ति का प्रतीक थीं। यह परंपरा आज भी सिखों को आध्यात्म और सेवा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।
इस कार्यक्रम में हिरा सिंह, शाम सिंह, नारायण दास, हरप्रीत सिंह, भूपिंद्र कौर, सरोज देती, बबली कौर सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगत ने भाग लिया और श्रद्धा से अरदास की।