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Nuh Violence : कांग्रेस विधायक मामन खान को राहत, सरकार को झटका, HC ने जारी किया नोटिस

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Nuh Violence : फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस के विधायक मामन खान की ओर से नूंह हिंसा मामले की जांच उच्चाधिकारियों की एसआईटी से करवाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने विधायक मामन खान को राहत देते हुए गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्हें कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करने की छूट भी दी है।

हरियाणा में मेवात के नूंह में 31 जुलाई को ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा के मामले में नाम आने के बाद कांग्रेस विधायक मामन खान की गिरफ्तारी को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले की अगली सुनवाई 19 अक्तूबर को होगी। गिरफ्तारी से बचाव पर हाईकोर्ट ने मामन खान को कानूनी विकल्पों को तलाशने व आरोप पर बेल कराने के लिए निचली अदालत जाने के लिए आदेश जारी किया है। बता दें कि नूंह पुलिस ने हिंसा मामले में अब तक 60 मुकदमें दर्ज करने के साथ 316 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें 49 हिंसा भड़काने और 11 सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के मुकदमें दर्ज हैं। 314 लोगों को हिंसा और 2 सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

विधायक मामन खान को दो बार नोटिस दे चुकी SIT, एक बार भी पूछताछ में नहीं हुए शामिल

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बता दें कि नूंह हिंसा के मामले में जांच कर रही हरियाणा पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) दो बार विधायक मामन खान को नोटिस दे चुकी है, लेकिन वह अभी तक एक बार भी पूछताछ में शामिल नहीं हुए हैं। विधायक मामन खान गिरफ्तारी के संदेह को देखते हुए हाईकोर्ट पहुंचे हैं। गिरफ्तारी से बचाने के लिए उन्होंने हाईकोर्ट में सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। साथ ही सुरक्षा की मांग की है। नूंह हिंसा के बाद दर्ज मामलों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित करने की भी मांग की है।

लोकेशन के साथ पेश किए विभिन्न गतिविधियों के सबूत

मामन खान के अधिवक्ताओं की ओर से याचिका में हिंसा की अवधि से लेकर अब तक की विधायक की लोकेशन का विवरण भी दिया गया है। जिसमें बताया गया कि याचिकाकर्ता उस दौरान हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद नहीं था। वह अपने गुरुग्राम आवास पर था। इसके अलावा दावों के समर्थन में सीसीटीवी की फुटेज और विभिन्न गतिविधियों के सबूत भी पेश किए गए हैं। अधिवक्ताओं ने संबंधित मामलों की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों वाली उच्च स्तरीय एसआईटी के गठन के निर्देश देने की मांग की है।

हाईकोर्ट में विधायक को फंसाने के पीछे के रखें तर्क

हाईकोर्ट में विधायक मामन खान को नूंह हिंसा में फंसाने के पीछे के कारण भी बताए गए। उनके अधिवक्ता अर्शदीप सिंह चीमा और ईशान खेत्रपाल ने तर्क दिया कि उनके हालिया सार्वजनिक बयानों से लगता है कि जांच को हाईजैक किया जा रहा है। प्रदेश सरकार याचिकाकर्ता को इस मामले में झूठा फंसाने का प्रयास कर रही है, जबकि सरकार स्वयं हिंसा को नियंत्रित करने में असफल रही है। सभी पक्षों की ओर से स्थिति को गलत तरीके से संभालने के लिए दोषी ठहराया गया।

वहीं हाईकोर्ट में मामन खान ने भी आरोप लगाया है कि नूंह हिंसा की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद अब दोषारोपण का दौर शुरू हो चुका है। प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ही नहीं, बल्कि अन्य मंत्रियों ने भी विपक्ष पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं। आए दिन कांग्रेस को नूंह हिंसा का दोषी ठहराने के बयान सामने आ रहे हैं।