मुख्यमंत्री उडन दस्ता करनाल की टीम ने देर शाम Panipat जिले की तहसील मतलौढा के पटवारियों के कार्यस्थलों पर अचानक रेड की। इस कार्रवाई का उद्देश्य था, समय पर कार्यालय में ना आने और आमजन के राजस्व से संबंधित कार्य में देरी की सूचना पर जांच करना। टीम ने दो पटवार खानो का औचक निरीक्षण किया और कई गंभीर कमियां पाई।

मुख्य कमियां पाई गई
किसी भी पटवारखाने में सिटीजन चार्टर नहीं लगा था, जिससे नागरिकों को उनके अधिकार और सेवाओं की जानकारी नहीं मिल पाई। दोनों पटवार खानो में साफ-सफाई की कमी और पीने के पानी की सुविधा न होने से कर्मचारियों और नागरिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

पटवारियों द्वारा पुरानी वसीका के इन्तकाल का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा गया, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी नजर आई। पटवारखाने में किसी भी प्रकार का मूवमेंट रजिस्टर नहीं पाया गया, जिससे पटवारियों का कार्यालय में कोई निश्चित समय नहीं होने का मुद्दा सामने आया। आवेदन प्राप्त करने का कोई डायरी रजिस्टर या रिकॉर्ड नहीं था, जिससे नागरिकों को टरकाने और मनमर्जी से काम करने का मौका मिला। इससे भ्रष्टाचार और देरी की आशंका बनी रहती है। दोनों पटवारखानों में सी.सी.टी.वी कैमरे और बायोमैट्रिक मशीनें स्थापित नहीं पाई गईं, जो निगरानी और कार्यों की पारदर्शिता को सुनिश्चित करती है।

विशेष नोट
निरीक्षण के दौरान कृष्ण पटवारी, सुरेन्द्र पटवारी, कशमीरी लाल पटवारी सहित अन्य कई अधिकारियों का नाम सामने आया, जो प्राईवेट व्यक्तियों को सरकारी कार्यों में मदद के लिए रखते हैं। टीम ने पटवारियों के पास लंबित इन्तकाल के रिकॉर्ड का भी अध्ययन किया, जिसमें गांवों की बड़ी संख्या में महत्वपूर्ण दस्तावेज लंबित पाए गए।

प्रशासन की कार्रवाई
मुख्यमंत्री उडन दस्ता की टीम ने इन सभी कमियों को तुरंत सुधारने की चेतावनी दी है। प्रशासन ने स्पेशल कमेटी का गठन कर इन समस्याओं का समाधान करने की पहल की है। अब इन पटवारियों को जनता को बेहतर सेवाएं देने के लिए जल्द ही सुधारात्मक कदम उठाने होंगे, अन्यथा सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

भविष्य की योजना
अब यह सवाल उठता है कि क्या यह कार्यवाही केवल शुरुआत है, या यह प्रशासनिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम है? अब आगामी दिनों में और भी जांच और सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है, जिससे नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिल सके।