Breaking News : हरियाणा में आग का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक दिन पहले जहां नारनौल के लघु सचिवालय में आग लगने का मामला सामने आया था। वहीं आज पानीपत के मुख्य डाकघर को आग ने अपनी चपेट में ले लिया। आग किन कारणों से लगी है, इसका खुलासा नहीं हुआ है। फिलहाल दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंचकर आग को बुझाने का प्रयास कर रही हैं।
पानीपत के मुख्य डाकघर में सोमवार सुबह अचानक संदिग्ध परिस्थितियों में भीषण आग लग गई। आसपास के लोगों ने अंदर से धुआं उठता देख इसकी सूचना तुरंत कंट्रोल रूम नंबर पर दी। इसके बाद फायर ब्रिगेड की 2 गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने के प्रयास किया। फिलहाल फायर ब्रिगेड कर्मी किसी तरह आग को बाहर से बुझाकर अंदर जाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन आग ने पूरी बिल्डिंग को चारों तरफ से चपेट में ले लिया है।
बताया जा रहा है कि मुख्य डाकघर में आग सुबह करीब सवां 8 बजे के आसपास लगी। फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। बताया जा रहा है कि कार्यालय के अंदर विभाग के महत्वपूर्ण दस्तावेज रखे थे, जो कि आग में जलकर राख हो चुके हैं। साथ ही आग वहां रखे कम्प्यूटरों तक पहुंच गई तो उपभोक्ताओं को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा सकता है। उपभोक्ताओं से संबंधित डाटा इन कम्प्यूटरों में बताया जा रहा है।

बता दें कि करीब 4 पर्ष पहले पानीपत के मुख्य डाकघर में पासपोर्ट बनवाने की सुविधा शुरू की गई थी। साथ ही पानीपत की पहचान कंबल और हैंडलूम उद्योग के रूप में विश्व भर में है। यहां से निर्यात के सिलसिले में व्यापारी वर्ग जर्मनी, सिंगापुर, चीन सहित अन्य देशों की यात्रा पर आवागमन करते रहते हैं। वहीं अंबाला पोस्टमास्टर जनरल के कार्यालय में पासपोर्ट सेवा केंद्र खुलने से पहले लोग यहां से चंडीगढ़ पासपोर्ट बनवाने जाते थे। आवेदन से लेकर वेरिफिकेशन की प्रकिया जटिल होने से एक पासपोर्ट बनने में 6 माह से लेकर 1 साल तक समय लग जाता था। इस प्रकिया को आसान बनाने के उददेश्य से ही यहां पासपोर्ट बनाने की सुविधा शुरू की गई थी। ऐसे में कम्प्यूटर में सुरक्षित डाटा अब आग से नष्ट हो सकता है।





