Delhi विधानसभा चुनाव में BJP की बंपर जीत के बाद Panipat में भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुशी का इज़हार करते हुए जोरदार जश्न मनाया। कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़े बजाए और एक-दूसरे को लड्डू बांटकर विजय का जश्न मनाया। इस अवसर पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपने नेतृत्व की जीत की खुशी को व्यापक रूप से साझा किया और भाजपा की ऐतिहासिक जीत पर खुशी व्यक्त की। कार्यकर्ताओं ने जीत के बाद सड़कों पर उतरकर खुशी का इजहार किया और नारेबाजी की।

भाजपा ने 27 साल बाद स्पष्ट बहुमत हासिल किया, AAP को बड़ा नुकसान
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भा.ज.पा. ने 27 साल बाद स्पष्ट बहुमत हासिल किया। पार्टी ने 70 सीटों में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) को 22 सीटों पर संतोष करना पड़ा। इस चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली।
भा.ज.पा. की ऐतिहासिक जीत:
- भाजपा ने 1993 में 49 सीटों के साथ दो तिहाई बहुमत हासिल किया था, लेकिन 2025 में पार्टी ने 71% स्ट्राइक रेट के साथ 40 सीटों का इज़ाफा किया और कुल 48 सीटें जीतीं।
- भाजपा ने 68 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें 48 पर जीत हासिल की। वहीं, AAP को इस चुनाव में 40 सीटों का नुकसान हुआ, और उसका स्ट्राइक रेट मात्र 31% रहा।
वोट शेयर में बदलाव:
- भाजपा ने पिछले चुनाव (2020) के मुकाबले अपने वोट शेयर में 9% से ज्यादा का इज़ाफा किया।
- AAP को लगभग 10% का नुकसान हुआ, जबकि कांग्रेस ने भले ही एक भी सीट नहीं जीती, लेकिन उसके वोट शेयर में 2% का इज़ाफा हुआ।
दिल्ली के दिलचस्प परिणाम:
- 2020 में भाजपा को महज 8 सीटें मिली थीं, जबकि 2025 में उसने 6 गुना ज्यादा यानी 48 सीटों पर जीत दर्ज की।
- केजरीवाल को नई दिल्ली सीट पर 20 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई, जिनके वोट तीन अंक तक भी नहीं पहुंच सके।
- कांग्रेस के 70 में से 68 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
- केजरीवाल को भाजपा के प्रवेश वर्मा ने 4089 वोटों से हराया। वहीं, कांग्रेस के संदीप दीक्षित को केवल 4568 वोट मिले।
पूर्व मुख्यमंत्री के बेटों की जीत:
- भाजपा के दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे इस बार चुनाव जीतने में सफल रहे। प्रवेश वर्मा (पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे) ने नई दिल्ली से जीत दर्ज की, और हरीश खुराना (पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना के बेटे) ने मोतीनगर से चुनाव जीता।
2020 दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की हार:
- ताहिर हुसैन (2020 दिल्ली दंगों के आरोपी) मुस्तफाबाद सीट से तीसरे नंबर पर रहे। वे AIMIM पार्टी से चुनाव लड़े थे। यहां भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट ने जीत हासिल की, जबकि AAP दूसरे नंबर पर रही।
इस चुनाव परिणाम के बाद भाजपा ने दिल्ली में अपनी स्थिति मजबूत की है, जबकि AAP और कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।