Rohtak Mayor Election: Political battle between Hooda and BJP is going on, eyes are on scheduled vote bank

Rohtak मेयर चुनाव: हुड्डा और भाजपा के बीच खिंच रही राजनीति की जंग, अनुसूचित वोटबैंक पर टिकी नजरें

रोहतक

Rohtak जिले में मेयर पद के लिए भाजपा और कांग्रेस के दो प्रमुख नेता चुनावी मैदान में हैं। भाजपा ने अपने प्रत्याशी के जरिए करीब 85 हजार अनुसूचित जाति के वोटरों को लुभाने की कोशिश की है, वहीं कांग्रेस ने भी अपनी पार्टी के गढ़ को बचाने और अनुसूचित जाति के वोटों पर पकड़ बनाए रखने की रणनीति अपनाई है।

भाजपा के लिए कांग्रेस के गढ़ में जीत चुनौतीपूर्ण

रोहतक में चारों विधायक कांग्रेस के हैं, और भाजपा कार्यकर्ता भी राम अवतार के खिलाफ रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। भाजपा के लिए यहां मेयर का चुनाव जीतना किसी जंग से कम नहीं होगा।

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भूपेंद्र हुड्डा का कद बढ़ता दिखा

भूपेंद्र हुड्डा ने रोहतक मेयर चुनाव के दौरान सूरजमल किलोई को टिकट दिलवाने में सफलता पाई है। सूरजमल को हुड्डा परिवार का करीबी माना जाता है, और इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा खुद भी सूरजमल के समर्थन में प्रचार करने के लिए चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।

भूपेंद्र हुड्डा की साख दांव पर

भूपेंद्र हुड्डा के लिए यह चुनाव अपनी साख को बचाने का अच्छा मौका हो सकता है। विधानसभा चुनाव में रोहतक की चारों सीटों पर जीतने के बावजूद सरकार नहीं बना पाने के कारण हुड्डा की आलोचना हो रही थी। पार्टी के भीतर भी उनके खिलाफ अंदरूनी साजिशों के आरोप लगाए गए थे। ऐसे में मेयर चुनाव में उनकी जीत उनकी राजनीतिक स्थिति को मजबूती दे सकती है।

मनीष ग्रोवर का विरोध और दावेदारों में मायूसी

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भाजपा में पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर खुले तौर पर राम अवतार के समर्थन में नहीं आ रहे हैं। हालांकि, मनीष ग्रोवर को राम अवतार के साथ देखा गया है, लेकिन यह देखना बाकी है कि चुनाव के दौरान वह कितनी सक्रिय भूमिका निभाते हैं। वहीं, तीन बार हार चुके प्रत्याशी को फिर से टिकट मिलने से भाजपा के अन्य दावेदारों में मायूसी देखने को मिल रही है।

मेयर चुनाव में हुड्डा वर्सेज भाजपा की रणनीति

रोहतक में मेयर चुनाव को लेकर भाजपा की रणनीति यह है कि इसे कांग्रेस वर्सेज भाजपा की बजाय “हुड्डा वर्सेज भाजपा” के रूप में प्रस्तुत किया जाए। जैसे विधानसभा चुनाव में “हुड्डा वर्सेज भाजपा” का माहौल था, वैसे ही मेयर चुनाव में भी यह स्थिति बनाने की कोशिश की जा रही है।

इस चुनावी मुकाबले में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है और दोनों पक्षों के रणनीतिक कदम महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।

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