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हरियाणा की तपती गर्मी से राहत चाहिए तो अब सिर्फ 500 में कर सकते हैं बर्फीली रोहतांग यात्रा! जानें कैसे

हरियाणा हिमाचल प्रदेश
  • एचआरटीसी ने मनाली से रोहतांग दर्रा तक इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू की, किराया मात्र 500 रुपये।
  • सुबह 9:00 से 9:30 बजे तक मनाली बस अड्डे से चलेगी बस, अधिक मांग होने पर समय होगा सुबह 5:00 से।
  • प्रदूषण नियंत्रण हेतु एनजीटी द्वारा वाहनों की संख्या सीमित, ऑनलाइन परमिट बुकिंग से सैलानी कर रहे हैं एडवांस प्लान।

Manali to Rohtang Pass: अगर हरियाणा की तपती गर्मी से राहत पाने के लिए हिमाचल के रोहतांग दर्रा बर्फ‍िली वादियों की सैर का प्‍लान बना रहे हो यह किफायती होने वाला है। हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों के लिए बड़ी राहत और रोमांच की खबर सामने आई है। एचआरटीसी (हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन) ने मनाली से रोहतांग दर्रा के लिए इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू कर दी है। अब सैलानी केवल 500 रुपये में बर्फ से ढकी 13,050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रे की खूबसूरत वादियों का आनंद ले सकते हैं।

यह सेवा 18 मई से शुरू की गई है और प्रारंभ में तीन इलेक्ट्रिक बसें चलाई जा रही हैं। भविष्य में मांग के अनुसार बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी। पिछले साल भी 15 से अधिक बसें इस रूट पर संचालित की गई थीं।

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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देशों के तहत रोहतांग के लिए प्रतिदिन अधिकतम 1,200 वाहनों को अनुमति है, जिसमें 800 पेट्रोल और 400 डीजल वाहन शामिल हैं। इलेक्ट्रिक बसें इन सीमाओं से बाहर हैं, इसलिए ये सेवा पर्यावरण के लिहाज से बेहद अनुकूल मानी जा रही है।

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मनाली बस अड्डे से बसें प्रतिदिन सुबह 9:00 से 9:30 बजे तक रवाना होंगी। जब सैलानियों की संख्या अधिक होगी, तो यह सेवा सुबह 5:00 से 6:00 बजे के बीच भी शुरू की जा सकती है। रोहतांग में पर्यटकों को घूमने के लिए दो से तीन घंटे का समय मिलेगा।

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वर्तमान में यह सेवा केवल रोहतांग दर्रा तक सीमित है, लेकिन जैसे ही कोकसर (लाहौल) की ओर दर्रा पूरी तरह खुल जाएगा, तब यह सेवा मनाली-रोहतांग-सोलंगनाला-अटल टनल-कोकसर रूट पर विस्तारित की जाएगी। मनाली बस अड्डा प्रभारी खूब राम ने इसकी पुष्टि की है।

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रोहतांग की यात्रा करने वाले सैलानी पहले से ऑनलाइन परमिट बुक करवा रहे हैं क्योंकि यहां प्रतिदिन हजारों सैलानी पहुंचते हैं। कुछ वोल्वो से, कुछ टैक्सी से, जबकि कई अपने निजी वाहनों से मनाली आते हैं। ऐसे में ये इलेक्ट्रिक बस सेवा पर्यावरणीय संरक्षण के साथ-साथ आम लोगों के बजट में पर्यटन का बेहतर विकल्प बनकर उभरी है।