Sirsa में चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी के लॉ स्टूडेंट्स पर पुलिस द्वारा की गई मारपीट का मामला तूल पकड़ रहा है। बार एसोसिएशन के समर्थन के बाद सिविल लाइन थाने के SHO दिनकर यादव और ASI अवतार सिंह को एसपी विक्रांत भूषण ने लाइन हाजिर कर दिया।
लॉ स्टूडेंट्स पर पुलिस का अत्याचार: 20 दिन बाद हुई कार्रवाई
घटना को हुए 20 दिन गुजर चुके हैं, लेकिन अभी तक पुलिसवालों पर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। इस संदर्भ में स्टूडेंट्स ने 16 दिसंबर को जिला एवं सत्र न्यायाधीश वाणी गोपाल शर्मा को मांग पत्र सौंपा था।
पुलिस की ज्यादती का पूरा ब्योरा
लॉ स्टूडेंट्स ने शिकायत में बताया कि 5 दिसंबर की रात करीब 12:30 बजे, जब वे बस स्टैंड से चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी (सीडीएलयू) की लाइब्रेरी पढ़ाई के लिए जा रहे थे, तब सिविल लाइन थाना एसएचओ ने उन्हें रोका। पुलिसकर्मियों के मुंह से शराब की गंध आ रही थी। पहचान पत्र दिखाने पर भी एएसआई ने गलत भाषा का इस्तेमाल किया। इसके बाद एएसआई ने एक छात्र की गर्दन पकड़कर धक्का मारा।
स्टूडेंट्स ने बताया कि जब उन्होंने पुलिस के बर्ताव का विरोध किया, तो एसएचओ ने अन्य पुलिसकर्मियों को उन्हें जिप्सी में डालने का आदेश दिया। पुलिस ने निर्मल सिंह को चार-पांच थप्पड़ मारे। एएसआई ने अन्य छात्रों को पीटना शुरू कर दिया। बाद में एक और जिप्सी बुलाकर सभी स्टूडेंट्स को धक्के मारते हुए उसमें भर लिया।
स्टूडेंट्स ने पुलिस से छोड़ने की गुहार लगाई, क्योंकि कुछ का अगली सुबह परीक्षा थी। जिप्सी में ही छात्रों ने पुलिसकर्मियों के पैर पकड़कर उन्हें छोड़ने की विनती की। पुलिस ने उन्हें चेतावनी देते हुए सुनसान जगह पर छोड़ दिया और वहां से चले गए।
छात्रों की मांग
दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। मारपीट और ज्यादती के मामले में एफआईआर दर्ज हो। इस घटना को लेकर समुचित न्यायिक जांच करवाई जाए। लॉ स्टूडेंट्स और बार एसोसिएशन की मांगों के बीच पुलिस प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव लगातार बढ़ रहा है।