Sirsa में नगर परिषद चुनाव के प्रचार के दौरान भाजपा की पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल ने अपने दिल की बात साझा की। उन्होंने भाजपा से अपील की कि नगर परिषद के चुनाव में कम से कम चेयरमैन पद तो भाजपा का ही जिता दिया जाए। साथ ही, उन्होंने कहा कि उन्हें अफसोस है कि 2009 के बाद से सिरसा में भाजपा का विधायक नहीं बना। इस बार उन्होंने छोटी सरकार बनाने की अपील की और कहा कि उनका भी योगदान होना चाहिए।
सुनीता दुग्गल ने क्या कहा?
सुनीता दुग्गल शुक्रवार को भाजपा के नगर परिषद चेयरमैन उम्मीदवार शांति स्वरूप वाल्मीकि के चुनावी कार्यालय के उद्घाटन समारोह में मौजूद थीं। उन्होंने इस दौरान कहा कि:
- “हमारा भी योगदान होना चाहिए”:
दुग्गल ने भाजपा की सरकारों की तारीफ करते हुए कहा कि केंद्र और प्रदेश में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी है और सिरसा में विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि बिना भेदभाव के भाजपा द्वारा किए गए विकास में उनका भी योगदान होना चाहिए। - “कम से कम चेयरमैन तो बना दो”:
दुग्गल ने दुख जताया कि पिछले कुछ सालों में सिरसा में भाजपा का विधायक नहीं बन पाया। उन्होंने कहा, “कम से कम इस बार चेयरमैन तो भाजपा का बनवा दो, छोटी सरकार तो बना दो।” - “मेरे जैसा विकास कोई और नहीं करवा पाएगा”:
दुग्गल ने 2019 में सिरसा से सांसद बनने के बाद किए गए अपने विकास कार्यों का जिक्र किया और कहा कि रेलवे स्टेशन का विकास, जो पहले और अब में अंतर है, किसी और सांसद द्वारा नहीं किया जा सकता।
कार्यक्रम में गोपाल कांडा भी मौजूद
इस चुनावी कार्यालय उद्घाटन कार्यक्रम में पूर्व मंत्री गोपाल कांडा भी मौजूद रहे। कांडा, जो पहले हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख थे, ने भाजपा को समर्थन दिया था। वे 2024 में सिरसा विधानसभा सीट से भाजपा के समर्थित उम्मीदवार थे, लेकिन चुनाव हार गए थे।
राजनीति में कदम रखने का सफर
सुनीता दुग्गल ने अपनी राजनीति में आने की कहानी भी साझा की। उन्होंने इनकम टैक्स कमिश्नर की नौकरी छोड़कर 2014 में राजनीति में कदम रखा था। हालांकि, 2014 में रतिया विधानसभा सीट से भाजपा टिकट पर चुनाव हार गई थीं। फिर, 2019 में उन्हें सिरसा से लोकसभा चुनाव में टिकट दिया गया, जहां उन्होंने 3 लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की।