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Chitana के राजकीय स्कूल में हुआ हादसा, 2 बच्चे घायल

सोनीपत

सोनीपत के गांव Chitana के राजकीय उच्च विद्यालय के कमरे की छत का मलबा गिरने से आठवीं कक्षा के दो विद्यार्थी घायल हो गए। छत का मलबा गिरने के पीछे कारण मानसून सीजन की वर्षा से छत में नमी आना माना जा रहा है। आठवीं कक्षा के छात्र विजय पुत्र महेंद्र और संजय सहित कई विद्यार्थी क्लास रूम में मौजूद थे। इसी दौरान छत का मलबा दोनों विद्यार्थियों के ऊपर गिर गया। जिसमें विजय के सिर और संजय के हाथ में चोट लगी। मलबा गिरने पर कमरे में मौजूद अन्य बच्चों में भगदड़ मच गई और उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया।

जिसे सुनकर शिक्षक और अन्य कर्मचारी भी कमरे में पहुंच गए। शिक्षकों ने घायल दोनों बच्चों को अपनी गाड़ी में बैठाया और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जुआं में ले गए। जहां पर चिकित्सकों ने दोनों बच्चों का प्राथमिक उपचार किया और उन्हें घर भेज दिया। गनीमत यह है कि उस समय कमरे में कक्षा नहीं चल रही थी, यदि कक्षा होती तो बड़ा हादसा हो सकता था। कमरे की छत का मलबा गिरने से घटना की सूचना मिलने पर जिला शिक्षा अधिकारी नवीन गुलिया ने अधिकारियों को स्कूल का निरीक्षण करके रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

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स्कूल प्रशासन की बड़ी लापरवाही

शिक्षा विभाग के बार-बार आदेशों के बाद भी अधिकारी विद्यार्थियों की सुरक्षा के प्रति गंभीरता नहीं दिखा रहे। सरकारी स्कूलों में पुराने जर्जर हो चुके कमरों में बच्चे जान को जोखिम में डालकर भविष्य बनाने के लिए पढ़ाई करते हैं। जिले में स्कूल के कमरे की छत गिरने से बच्चों के घायल होने की घटनाओं से भी स्कूल मुखिया सबक नहीं ले रहे।

पहले भी हो चुकी हैं जिले में घटना

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वर्षा का पानी भरने पर छत क्षतिग्रस्त हो जाती है। कई बार छत गिरने की घटनाएं भी हो जाती है। वर्ष 2021 में गन्नौर में वर्षा के कारण बाय रोड स्थित जिवानंद मार्डन स्कूल के कमरों की कच्ची छत वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हो गई थी। 23 सितंबर 2021 को मजदूर मिट्टी डालने का कार्य कर रहे थे। इसी दौरान छत गिर गई और मलबे के नीचे दबने से 25 बच्चे, शिक्षक व मजदूर घायल हो गए थे।

शिक्षा विभाग ने ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूल खोलने से पहले छत की सफाई कराने के निर्देश दिए थे। जिस तरह से मानसून सीजन में स्कूलों में छत गिरने की घटनाएं हो चुकी है, उसे देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल मुखिया को निर्देश दिए थे कि यदि कोई कक्षा कक्ष ऐसा है, जिसकी छत या दीवार कमजोर है और उन्हें लगता है कि वर्षा के दिनों में घटना घट सकती है तो किसी भी अवस्था में ऐसे कक्ष में बच्चों को नहीं बैठाया जाए। अधिकारी के आदेशों के बाद भी चिटाना के सरकारी स्कूल में पुराने कमरे में बैठाया जा रहा था।

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जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कठोर होगी कार्रवाई

पिछले दिनों बैठक में सभी स्कूल मुखियाओं को कमजोर छत या दीवार वाले कमरों में बच्चों को नहीं बैठाने के निर्देश दिए हुए हैं। जेई और बीईओ को स्कूल का दौरा करके स्थिति का जायजा लेकर रिपोर्ट देने के निर्देश दे दिए हैं। वहीं, इस बारे में स्कूल मुखिया से भी जवाब मांगा गया है। बच्चों की सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरतने वाले किसी भी शिक्षक या स्कूल मुखिया को बख्शा नहीं जाएगा। बच्चों की सुरक्षा को लेकर विभाग गंभीर है।

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