बारिश के सीजन में लगातार मच्छर पनप रहे हैं और ऐसे में Sonipat में मलेरिया के केसों में इजाफा होना शुरू हो गया है। सोनीपत में मलेरिया के 6 और नए मामले आए हैं। बता दें कि जिले में अभी तक मलेरिया के 20 केस और डेंगू के टोटल 13 मामले सामने आ चुके हैं।
हालांकि प्रशासन द्वारा नागरिक अस्पताल में सभी प्रकार के इंतजाम मुकम्मल है। वहीं अस्पताल में प्रतिदिन ओपीडी की संख्या लगातार बढ़ रही है।
पिछले कई सप्ताह से लगातार ओपीडी की संख्या दोगुनी हो गई है। सोनीपत में इन दिनों लगातार मौसम बदलाव होने के बाद खांसी, जुखाम, बुखार के मामलों में बढ़ोतरी हो गई है। ऐसे में लगातार विभाग द्वारा टेस्टिंग प्रक्रिया भी जारी है, जिससे डेंगू और मलेरिया के मामले भी सामने आ रहे हैं।
ओपीडी 600 के पार
वही डॉक्टर शैलेंद्र का यह कहना है की मेडिसिन वार्ड के अंतर्गत ओपीडी करीबन 600 पर जा पहुंची है। इसी के साथ उनका कहना है कि बारिश के मौसम में मच्छरों के बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग किया जा सकता है। आप अपने आसपास पानी को इकट्ठा न होने दें।
सोनीपत शहर के मोहन नगर में पानी निकासी न होने के चलते एक ही घर से दो मलेरिया के मामले सामने आए हैं और ऐसे में मोहन नगर सबसे ज्यादा सेंसिटिव एरिया भी माना गया है। वहीं विभाग द्वारा क्षेत्र में लार्वा को खत्म करने को लेकर सप्रे व अन्य एक्टिविटी शुरू करवाई है। बता दें कि मोहन नगर में पानी निकासी न होने के चलते ठहरे हुए गंदे पानी में मलेरिया के मच्छर पनपने शुरू हो जाते हैं।
162 टीमें ने किया लोगों को जागरूक
वहीं अधिकारी मनजीत राठी का कहना है कि प्रत्येक पीएचसी पर पांच बेड की अलग से व्यवस्था की गई है। खानपुर मेडिकल में भी 25 बेड अलग से डेंगू के लिए सुरक्षित किए गए हैं। वहीं विभाग दावा कर रहा है कि डेंगू वार्ड में मरीजों के लिए बेड पर मच्छरदानी की भी व्यवस्था रहेगी।
सोनीपत जिले में कुल 168 टीम काम कर रही है, जिनमें से 162 टीम फील्ड में उतरकर लोगों को लगातार जागरुक कर रही है। वहीं लार्वा प्रतिदिन चेक किया जाता है और लापरवाही करने वाले लोगों को नोटिस भी दिया जा रहा है। लोगों को जागरुक करते हुए यह भी अपील की गई है कि अपने आसपास पानी को एकत्रित न होने दें और किसी भी प्रकार का कोई बुखार अगर होता है तो हॉस्पिटल में जाकर टेस्ट अवश्य करवाएं।