हरियाणा के नारनौल में एक प्रेरणादायक उदाहरण देखने को मिला, जब ढाणी बठोठा गांव निवासी हरपाल यादव ने बिना दहेज अपनी बेटी वंदना की शादी झज्जर जिले के लीलाहेड़ी गांव निवासी अवधेश यादव के साथ करवाई। इस अवसर पर दहेज प्रथा के खिलाफ संदेश देने के लिए केवल 1 रुपये का कन्यादान किया गया और पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक के रूप में 11 पौधे भी दान किए गए।
इस अनूठी शादी में महेंद्रगढ़, भिवानी और झज्जर जिलों के कई सामाजिक संगठनों के लोग मौजूद रहे। पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया और इस पहल की सराहना की।
दूल्हा-दुल्हन का संदेश
दूल्हे अवधेश यादव ने कहा, “दहेज प्रथा एक सामाजिक बुराई है, जिसे खत्म करना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही पर्यावरण को बचाने का संकल्प लेना चाहिए।” वहीं, दुल्हन वंदना यादव ने कहा कि उनके परिवार ने दहेज प्रथा को समाप्त कर समाज को एक नई दिशा दी है।
सामाजिक पहल की सराहना
इस शादी को सदाचारी शिक्षा समिति और नेताजी सुभाष चंद्र बोस युवा जागृति सेवा समिति का समर्थन प्राप्त था। इन संस्थाओं ने बेटी के सम्मान, पर्यावरण संरक्षण और दहेज प्रथा के उन्मूलन का संदेश देते हुए इस पहल को एक नई शुरुआत बताया।
समाज के लिए प्रेरणा
यह शादी समाज के लिए एक प्रेरणा बनी, जिसमें न केवल दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई गई, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया। ऐसी पहलें सामाजिक बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।