Rohtak जिला परिषद की भाजपा की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा की कुर्सी पर अंतिम निर्णय अब 30 अक्टूबर 2024 को होगा। इससे पहले उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 23 अक्टूबर को मतदान होना था, लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया। बैठक में मौजूद पार्षदों ने इस स्थगन के लिए राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया था। इस दौरान, जिला विकास भवन में खड़ी गाड़ियों से हथियार बरामद होने से माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया था।
इससे पहले, एक पार्षद के बेटे के अपहरण के मामले में भी मंजू हुड्डा और उनके पति राजेश सरकारी का नाम सामने आ चुका है। 10 पार्षदों द्वारा जिला परिषद चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए जिला उपायुक्त (डीसी) अजय कुमार को ज्ञापन सौंपा गया था। इसके बाद, 23 अक्टूबर को मतदान का समय निर्धारित किया गया था। लेकिन डीसी के अनुपस्थिति के कारण वोटिंग को टाल दिया गया और अब 30 अक्टूबर को वोटिंग होगी।
हथियार बरामद और तनावपूर्ण माहौल
23 अक्टूबर को मतदान स्थगित होने के बाद, पुलिस ने विकास भवन में खड़ी गाड़ियों की तलाशी ली, जिसमें से 5 हथियार बरामद किए गए। इसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। चेयरपर्सन मंजू हुड्डा के समर्थक अमित कुमार घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती हुए और पार्षदों पर मारपीट के आरोप लगाए गए।
पहले भी विवादों में रहे हैं मंजू हुड्डा और उनके पति
मंजू हुड्डा और उनके पति राजेश सरकारी पर इससे पहले पार्षद नीलम के बेटे के अपहरण के आरोप भी लगे थे, जिसे उन्होंने नकार दिया था। गौरतलब है कि मंजू हुड्डा ने इस साल हुए विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
करीब 2 साल पहले हुए रोहतक जिला परिषद के चुनाव में जीतकर पहली बार मंजू हुड्डा चेयरपर्सन बनी थीं और इसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। अब 30 अक्टूबर को होने वाली वोटिंग पर सभी की नजरें टिकी हैं, जो इस मामले का अंतिम परिणाम तय करेगी।