Health Tips : चोट लगने पर सूजन हो गई है तो जल्दी हल्दी ले लो, दर्द हो रहा है तो हल्दी ले लो, सर्दी-खांसी हो रही है तो हल्दी ले लो, इम्यूनिटी बढ़ानी है तो हल्दी ले लो। हल्दी खाने के इतने फायदे हैं कि कई सारी वजहों से हल्दी का सेवन किया जाता है। लेकिन क्या आप इसकी मात्रा पर ध्यान रख रहे हैं? अगर नहीं तो आपको ज्यादा हल्दी खाने के नुकसानों का सामना करना पड़ सकता है।
बहुत ज्यादा हल्दी के नुकसानों का खतरा किडनी पर काफी ज्यादा होता है। हल्दी एक फायदेमंद जड़ी बूटी है मगर इसका जरुरत से ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। एक व्यक्ति को एक दिन में केवल उचित मात्रा में हल्दी खानी चाहिए। लेकिन अधिकतर लोगों को इसे खाने की सही मात्रा के बारे में जानकारी ही नहीं है। वो खाने में इसे भर-भरकर डालते हैं और ऊपर से भी हल्दी का सेवन कर लेते हैं।
हल्दी के फायदे और नुकसान
हल्दी के अंदर करक्यूमिन होता है, जिसकी वजह से इसके फायदे मिलते हैं। करक्यूमिन में एंटीफ्लामेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल और न जाने कितने गुण होते हैं। लेकिन शरीर में जरुरत से ज्यादा करक्यूमिन जाने के कई नुकसान भी होते हैं। जो लोग हल्दी या करक्यूमिन सप्लीमेंट लेते हैं, उन्हें इसकी खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसके बाद खाने में हल्दी का बहुत ज्यादा सेवन करने वालों का नंबर आता है।
किडनी में बना सकती है पत्थर
हल्दी के करक्यूमिन की बायोएवेलिबिलिटी बहुत कम होती है यानी यह शरीर में आसानी से नहीं पचता है। पच न पाने की लजह से शरीर इसे किडनी से होते हुए पेशाब के रास्ते बाहर निकाल देता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी के अनुसार, हल्दी में ऑसालेट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो कैल्शियम के साथ मिलकर किडनी में पथरी के पत्थर बना सकता है। धीरे-धीरे यह समस्या किडनी और यूरीनरी ट्रैक्ट को खराब कर सकती है। हालांकि एक चीज के साथ इसे खाने से इस खतरे से बचा जा सकता है, जिसके बारे में इस आर्टिकल में आगे जानेंगे।
एसिडिटी, पेट में जलन आदि
हल्दी का सेवन बाइल और पेट के एसिड के उत्पादन बढाने में मदद करता है। ऐसे में जिनके शरीर में पहले से एसिड सही मात्रा में बन रहा है, उनको ज्यादा हल्दी का सेवन करने से एसिडिटी, पेट में जलन, सीने में जलन, पेट दर्द और गैस्ट्रोसोफेगियल रिफ्लक्स डिजीज का खतरा हो सकता है।
एनीमिया
शरीर में आयरन की कमी से एनीमिया की बीमारी हो सकती है। इस बीमारी की वजह से खून की कमी हो जाती है। ज्यादा हल्दी का सेवन एनीमिया का कारण बन सकता है। क्योंकि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन आयरन के अवशोषण को बाधित कर सकता है। इसलिए हाई आयरन फूड्स के साथ हल्दी न खाने की सलाह दी जाती है।
ब्लीडिंग डिसऑर्डर
अगर आपका खून पतला करने वाली दवा खा रहे हैं या फिर आपको कोई ब्लीडिंग डिसऑर्डक है तो हल्दी के सेवन से बचें। क्योंकि हल्दी को खून पतला करने वाला माना जाता है। इसकी वजह से ब्लीडिंग बढ़ सकती है या खून जरुरत से ज्यादा पतला हो सकता है।
इन 2 साइड इफेक्ट को भी जानें
ब्लेड प्रेशर कम करने वाली दवा के दौरान भी हल्दी का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। करक्यूमिन का हाई लेवल बीपी को बहुत ज्यादा गिरा सकता है। इसके साथ बहुत ज्यादा हल्दी का सेवन सिरदर्द व चक्कर आने जैसी समस्या को बढ़ा सकता है।
एक दिन में कितनी हल्दी खानी चाहिए?
विश्व स्वास्थय संगठन कहता है कि एक सामान्य हेल्दी व्यक्ति को एक दिन में अपने वजन के प्रति किलोग्राम पर 0-3एमजी/केजी करक्यूमिन लेना चाहिए। एक स्टडी के मुताबिक हल्दी पाउडर की मात्रा का करीब 3 प्रतिशत करक्यूमिन लेना चाहिए।
दूसरा शोध बताता है कि 60 किलोग्राम के व्यक्ति को सामान्य भारतीय डाइट से पूरे दिन में करीब 2-2.5 ग्राम हल्दी लेनी चाहिए। जिससे करीब 60-100एमजी करक्यूमिन मिलेगा।
काली मिर्च के साथ खाएं हल्दी
करक्यूमिन धीरे से पचता है। इसका पाचन बढ़ाने के लिए हल्दी के साथ काली मिर्च का सेवन करना चाहिए। काली मिर्च के अंदर पाइपेरिन कंपाउंड होता है, जो कि करक्यूमिन का पाचन कई गुना बढ़ा देता है। जिससे आपको हल्दी खाने का पूरा फायदा मिल सके।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।