शादी एक ऐसा आयोजन है जिसमें दूल्हा-दुल्हन के साथ पूरा परिवार भी खुश होता है। लेकिन गया जिले के शेरघाटी के आमस प्रखंड के हमजापुर में एक शादी चर्चा का विषय बन गई है। गांव में भारी भीड़ इस अनोखी शादी को देखने के लिए उमड़ पड़ी थी। 70 वर्षीय मोहम्मद कलीमुल्लाह नूरानी ने 25 वर्षीय रेशमा परवीन के साथ सोमवार को निकाह किया। दूल्हा आमस के बैदा गांव का निवासी है जबकि दुल्हन रेशमा परवीन इस्लामनगर की रहने वाली है। इस असामान्य निकाह के लिए दोनों ने स्वीकृति दी थी, जिसके बाद यह विवाह संपन्न हुआ। निकाह की रस्म मौलवी ने पूरी की।
निकाह के बाद, बुजुर्ग दूल्हा अपनी दुल्हन के साथ गांव बैदा लौट गया। इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोग मौजूद थे और सभी रस्में पूरी की गईं। यह निकाह चर्चा का विषय बना क्योंकि दूल्हा 70 वर्ष के थे और दुल्हन मात्र 25 वर्ष की। मो. कलीमुल्लाह ने बताया कि उन्हें शादी की सख्त जरूरत थी, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया।
दुल्हन की रजामंदी से हुआ निकाह
इस विवाह समारोह में कोई म्यूजिकल बैंड या बाजा नहीं था। दूल्हा अपनी दुल्हन को अपने गांव अपनी कार में लेकर चला गया। बताया जा रहा है कि उसके घर में कोई नौकर नहीं था। स्थानीय लोगों ने दुल्हन रेशमा परवीन से इस विवाह के बारे में पूछा तो उसने भी कोई आपत्ति नहीं जताई। दूल्हे की पहली पत्नी की मृत्यु पहले ही हो चुकी थी और उसके दो बेटे शादीशुदा हैं। दोनों बेटे अलग-अलग जगहों पर रहते हैं और घर में दूल्हा अकेले ही रहते थे, जिससे उन्हें काम करने में परेशानी हो रही थी।