दिल्ली: मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। तिहाड़ जेल से 13 सितंबर को रिहा होने के बाद, रविवार को वे पहली बार आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यालय पहुंचे और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उनके साथ पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और आतिशी भी मौजूद थे।
जनता के फैसले तक कुर्सी नहीं संभालेंगे
केजरीवाल ने कहा, “मैं दो दिन बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं। तब तक उस कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुनाती। अगर जनता कहती है कि केजरीवाल ईमानदार हैं, तभी मैं फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा।”
आरोपों पर जवाब और जनता की अदालत में जाने की बात
उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार ने मुझ पर आरोप लगाया है कि मैं भ्रष्टाचारी हूं और भारत माता के साथ धोखा किया है। जैसे भगवान राम को वनवास से लौटने पर अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी, वैसे ही मैं भी अपनी अग्नि परीक्षा दूंगा।”
चुनाव की मांग और नया मुख्यमंत्री चुनने का ऐलान
केजरीवाल ने मांग की कि दिल्ली में चुनाव महाराष्ट्र के साथ नवंबर में कराए जाएं। उन्होंने कहा, “आम आदमी पार्टी से कोई और मुख्यमंत्री बनेगा। विधायक दल की मीटिंग में अगले मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा।”
सिसोदिया भी जनता के फैसले पर कुर्सी संभालेंगे
मनीष सिसोदिया ने भी केजरीवाल की बात का समर्थन करते हुए कहा कि वह भी तभी डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री का पद संभालेंगे, जब जनता उन्हें ईमानदार बताएगी।
2020 की तरह फिर से जनता की अदालत में जाएंगे
केजरीवाल ने 2020 के चुनावों की याद दिलाते हुए कहा, “तब कहा था कि काम किया है तो वोट देना। आज कह रहा हूं कि अगर आप मानते हैं कि मैं ईमानदार हूं, तभी मुझे वोट देना।”