भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ का 8 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट में आखिरी कार्यदिवस था, जबकि 10 नवंबर को वह आधिकारिक रूप से सेवानिवृत्त होंगे। इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट में एक सेरेमोनियल बेंच की कार्यवाही हुई, जिसका लाइव स्ट्रीम किया गया। इसमें उनके साथ जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस जेबी पारदीवाला और अन्य वरिष्ठ वकील उपस्थित थे। 10 नवंबर से देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश बनने वाले जस्टिस संजीव खन्ना भी इस सेरेमनी का हिस्सा बने।
CJI चंद्रचूड़ का योगदान और कार्यकाल
CJI चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में 1274 बेंचों पर काम किया और 612 फैसले लिखे, जो मौजूदा जजों में सबसे अधिक हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसलों पर विचार किया, जिनमें आर्टिकल 370, राम जन्मभूमि मंदिर, वन रैंक-वन पेंशन, मदरसा केस, सबरीमाला मंदिर विवाद, चुनावी बॉन्ड की वैधता और CAA-NRC जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल रहे।
विदाई समारोह में यादगार बातें
CJI चंद्रचूड़ ने विदाई समारोह में अपने पिता से जुड़ा एक भावुक किस्सा साझा किया। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने एक बार पुणे में एक छोटा फ्लैट खरीदा और उनसे कहा कि वह इसे तब तक रखें जब तक वे न्यायाधीश के रूप में अपनी सेवा पूरी नहीं कर लेते। उनके पिता का मानना था कि अगर कभी भी नैतिकता या बौद्धिक ईमानदारी से समझौता करने की स्थिति आए, तो यह जरूरी है कि उनके पास अपना एक ठिकाना हो।
इसके अलावा, CJI चंद्रचूड़ ने अपनी मां की सीख को याद करते हुए कहा कि उनकी मां ने उनका नाम ‘धनंजय’ रखा था, जिसका अर्थ भौतिक संपत्ति नहीं, बल्कि ज्ञान अर्जन था। उनकी मां ने हमेशा उन्हें ज्ञान की राह पर चलने के लिए प्रेरित किया। CJI चंद्रचूड़ की विदाई ने सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में एक नई दिशा दी, और उनकी विरासत लंबे समय तक न्यायपालिका में मार्गदर्शक बनी रहेगी।