MOON TIME

MOON TIME : चांद पर समय की जांच अब होगी आसान, मून खुद बताएगा समय

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MOON TIME : इंटरनेशनल एस्टोनॉमिकल यूनियन ने पिछले हफ्ते चांद के लिए मानक समय तय करने का प्रस्ताव दिया है। इस साल अप्रैल में अमेरिका के वाइट हाउस ने NASA को चांद के लिए टाइम स्टैंडर्ड बनाने का निर्देश दिया था। आइए जानें कि चांद के लिए मानक समय की जरूरत क्यों पड़ी और इसे कैसे बनाया जा सकता है।

धरती पर समय को कॉर्डिनेटेड यूनिवर्सल टाइम (UTC) के माध्यम से मापा जाता है, जिसे पेरिस का इंटरनेशनल ब्यूरो ऑफ वेट एंड मेजर तय करता है। दुनिया भर के देश UTC को आधार मानकर अपने लोकल टाइम का निर्धारण करते हैं। अगर कोई देश ग्रीनविच मध्याह्न रेखा के पश्चिम में है, तो UTC से घटाना पड़ता है, और अगर पूर्व में है, तो जोड़ना पड़ता है।

चांद पर समय की समस्या

चांद पर समय धरती से अलग होता है, इसलिए UTC का उपयोग चांद के समय को तय करने के लिए नहीं किया जा सकता। यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग की एस्ट्रोफिजिक्स प्रोफेसर कैथरीन हेमन्स के अनुसार, चांद पर समय धरती की तुलना में थोड़ा तेज चलता है। इसका कारण आइंस्टीन का थ्योरी ऑफ जनरल रिलेटिविटी है, जो बताता है कि ग्रैविटी स्पेस और समय को मोड़ती है। चांद पर ग्रैविटी कम है, जिससे समय तेज चलता है।

चांद पर समय की गणना

ओएसटीपी मेमो के अनुसार, चांद पर किसी शख्स के लिए, धरती की घड़ी के मुकाबले प्रति दिन औसतन 58.7 माइक्रोसेकंड का अंतर हो सकता है। हालांकि यह समय का अंतर छोटा लगता है, लेकिन यह स्पेसक्राफ्ट के चांद पर लैंडिंग, डेटा ट्रांसफर, और नेविगेशन में दिक्कतें पैदा कर सकता है।

मानक समय कैसे तय किया जाएगा

चांद पर मानक समय की व्यवस्था अभी साफ नहीं है। एक ओएसटीपी अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि चांद की सतह पर एटॉमिक घड़ियां लगाकर मानक समय तय किया जा सकता है। 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, चांद पर कम से कम तीन एटॉमिक घड़ियां लगानी चाहिए, जिनके डेटा को एक एल्गोरिदम के जरिए संयोजित कर एक सटीक वर्चुअल घड़ी तैयार की जाएगी।

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