case of sacrilege of Sri Guru Granth Sahib

Bargadi श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में Pradeep Kaler ने कोर्ट में दिया बयान, Ram Rahim और Honeypreet के कहने पर दिया घटना को अंजाम

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बरगाड़ी में गुरुद्वारा बरगाड़ी साहिब के श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम और हनीप्रीत को मुख्य साजिशकर्ता के रूप में जाना जाता है। मामले में आरोपी प्रदीप कलेर ने जेएमआईसी चंडीगढ़ की अदालत में धारा 164 के तहत बयान दर्ज करवाया है।

जांच के दौरान एसआईटी ने भगौड़ा चलाने वाले आरोपी डेरा प्रेमी प्रदीप कलेर को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को भी प्रमुख साजिशकर्ता के रूप में गिरफ्तार किया गया था। मामले में डेरा की राष्ट्रीय समिति के तीन सदस्यों को भी नामजद किया गया था।

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आरोपी प्रदीप कलेर ने अपने बयान में कहा कि बेअदबी की घटना को डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम और हनीप्रीत के कहने पर ही अंजाम दिया गया था। मामले की सुनवाई चंडीगढ़ अदालत में चल रही है। हाल ही में हाईकोर्ट ने बाबा के केस की प्रोसीडिंग पर रोक लगा दी थी।

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नामजद तीनों आरोपी चल रहे थे फरार

आपको बता दें कि ये घटना 12 अक्तूबर 2015 को हुई थी। बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में डेरा सच्चा सौदा मुखी समेत डेरा की राष्ट्रीय समिति के तीन सदस्यों हर्ष धूरी, प्रदीप कलेर और संदीप बरेटा नामजद हैं। नामजद तीनों आरोपी उस वक्त से ही फरार चल रहे थे, लेकिन एसआईटी और पंजाब पुलिस ने प्रदीप कलेर को गुरुग्राम से 9 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया। एसआईटी लगातार प्रदीप कलेर का रिमांड लेकर इस मामले में पूछताछ करती रही। मामले में जब आरोपी ने अपने बयान दर्ज करवाए तो कई बड़े खुलासे हुए।

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डेरे के राजनीतिक विंग का बनाया था राष्ट्रीय अध्यक्ष

आरोपी प्रदीप कलेर ने अपने दर्ज करवाए गए बयान में कहा है कि बेअदबी घटना को डेरा मुखी तथा हनीप्रीत के कहने पर अंजाम दिया गया था। जिसके बाद से ही ये कयास लगाए जा रहे हैं कि एक बार फिर से डेरा प्रमुख राम रहीम और हनीप्रीत की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ सकती हैं। प्रदीप कलेर ने अपने बयान में बताया कि वह 1987 से डेरा सच्चा सौदा के साथ जुड़ा हुआ है और डेरा मुखी ने उसे डेरे के राजनीतिक विंग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था। उसका काम राजनेताओं से मिलना था, बयान के अनुसार 2015 में मार्च या अप्रैल में उसे किसी काम से दिल्ली जाना था। इसी दौरान उसे डेरा मुखी ने बुलाया। वहां राम रहीम, हनीप्रीत, राकेश कुमार उर्फ राकेश दिड़बा, संदीप बरेटा, हर्ष धूरी, महिंदरपाल बिट्टू कोटकपूरा, गुलाब उर्फ गुलाबु, गुरलीन उर्फ राकेश कुमार मौजूद थे। वहां बिट्टू ने बाबा के ध्यान में लाया कि एक सिख प्रचारक द्वारा बुर्ज जवाहर सिंह वाला में धार्मिक कार्यक्रम किया गया था।

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धर्म प्रचारक से प्रेरित होकर कुछ प्रेमियों ने डेरे द्वारा दिया जाने वाला लॉकेट जिसमें बाबा की तस्वीर होती है को पैरों में फेंक दिया था। यह सुनते ही हनीप्रीत भड़क गई और उसने कहा कि जब उन्होंने लॉकेट फेंके तब आपने क्यों नहीं कुछ किया। जिसके बाद बाबा और हनीप्रीत ने कहा कि ईंट का जवाब पत्थर से दो और बेअदबी की योजना बनाई गई और इसकी जिम्मेदारी डेरे की 45 सदस्यीय कमेटी के सदस्य महिंदरपाल बिट्टू को सौंपी गई थी।

झूठी कहानियां बना रही एसआईटी

वकील यही नहीं प्रदीप कलेर ने डेरा मुखी से खुद और अपने परिवार की जान को खतरा भी बताया। कहा कि अब उसे और उसके परिवार को धमकियां मिल रही हैं। बाबा, हनीप्रीत व राकेश दिड़बा उसे मरवाना चाहते हैं। पहले भी महिंदरपाल बिट्टू को नाभा की हाई सिक्योरिटी सेल में मरवाया जा चुका है। वहीं डेरा प्रेमियों के केसों की पैरवी करने वाले वकील केवल बराड़ ने इसे पालिटिकल चलान करार देते हुए कहा कि एसआईटी राजनैतिक दबाव के चलते झूठी कहानियां बना रही है। इसके अतिरिक्त महिंदरपाल बिट़्टू ने डायरी नोट लिखा था। जिसके आधार पर एसआईटी के खिलाफ हाईकोर्ट ने जांच के आदेश दिए हुए हैं। जिससे बचने के लिए उनके द्वारा यह कहानी बनाई जा रही है।