केंद्र सरकार ने 30 जुलाई को प्रीति सूदन को यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। 1983 बैच की IAS अधिकारी और पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन 1 अगस्त को पदभार संभालेंगीं।
आंध्र प्रदेश कैडर की अधिकारी प्रीति सूदन के पास महिला एवं बाल विकास, रक्षा मंत्रालय और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव के रूप में 37 साल का अनुभव है। उन्हें बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और आयुष्मान भारत मिशन में अहम योगदान के लिए जाना जाता है। साथ ही, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, एलाइड हेल्थ प्रोफेशनल आयोग और ई-सिगरेट पर प्रतिबंध पर कानून बनाने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है।
अंतरराष्ट्रीय कार्य अनुभव
प्रीति सूदन ने तंबाकू नियंत्रण पर फ्रेमवर्क कन्वेंशन के लिए WHO के इंडिपेंडेंट पैनल के मेंबर के रूप में भी काम किया है। इसके अलावा, उन्होंने वर्ल्ड बैंक के साथ सलाहकार के रूप में भी सेवाएं दी हैं। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) से इकोनॉमिक्स में एमफिल और सोशल पॉलिसी एंड प्लानिंग में एमएससी की डिग्री प्राप्त की है।
मनोज सोनी का इस्तीफा
प्रीति सूदन की नियुक्ति UPSC के अध्यक्ष मनोज सोनी के अचानक इस्तीफे के बाद हुई है। सोनी ने हाल ही में व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि इस्तीफे के बाद वे सामाजिक और धार्मिक कार्यों पर ध्यान देंगे। राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा कि मनोज सोनी को UPSC से जुड़े विवादों के बीच पद से हटाया गया है।
UPSC का कार्यक्षेत्र
UPSC एक संवैधानिक संस्था है, जो केंद्र सरकार की ओर से कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं आयोजित करती है। यह आयोग हर साल सिविल सेवा परीक्षाएं आयोजित करता है, जिनमें आईएएस, भारतीय विदेश सेवा (IFS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और केंद्रीय सेवाओं- ग्रुप A और ग्रुप B की नियुक्ति के लिए परीक्षाएं शामिल हैं।
UPSC का नेतृत्व एक अध्यक्ष करता है, जिसमें अधिकतम 10 सदस्य हो सकते हैं। प्रीति सूदन की नियुक्ति के बाद भी आयोग में चार सदस्यों की वैकेंसी है। आयोग के हर सदस्य का कार्यकाल छह साल के लिए या 65 साल की उम्र तक होता है।