➤ छोटे कर्जदारों को अब 2.5 लाख तक गोल्ड लोन पर 85% तक लोन मिलेगा
➤ बिना मूल्यांकन के स्व-घोषणा से मिलेगा छोटा गोल्ड लोन
➤ नीलामी और वापसी नियमों में पारदर्शिता जरूरी, एसजीबी को भी गिरवी रखने की अनुमति
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गोल्ड लोन की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए 8 नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य विशेष रूप से छोटे उधारकर्ताओं को राहत देना और लोन संस्थानों की कार्यप्रणाली को अनुशासित करना है। RBI के अनुसार अब ₹2.5 लाख तक के गोल्ड लोन पर 85% तक की वैल्यू पर लोन दिया जा सकेगा, जबकि इससे ऊपर के अमाउंट पर यह सीमा क्रमश: 80% और 75% होगी। इसके साथ ही छोटे उधारकर्ताओं के लिए गोल्ड का मूल्यांकन और दस्तावेज़ी प्रक्रिया आसान की गई है।
नए नियमों के तहत ₹2.5 लाख तक के लोन के लिए ग्राहक की स्वयं-घोषणा (self-declaration) पर्याप्त होगी। इसके अलावा बैंकों और NBFCs को अब गिरवी रखे गए सोने के गुणवत्ता प्रमाणपत्र और मूल्यांकन रिपोर्ट रखना अनिवार्य होगा। गोल्ड की वैधता और शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए इसे BIS मानकों से मिलान करना जरूरी है।
नीलामी और पुनर्भुगतान से जुड़ी प्रक्रिया को भी पारदर्शी बनाया गया है। अब गोल्ड नीलामी के समय ग्राहकों को पूर्व सूचना देना और वापसी नियमों को लोन एग्रीमेंट में स्पष्ट रूप से उल्लेख करना जरूरी होगा। साथ ही सोवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGB) को भी गिरवी रखने की अनुमति दी गई है।
RBI ने यह भी निर्देश दिया है कि NBFC या बैंक को लोन के अंतिम उपयोग की निगरानी करनी होगी, विशेषकर जब लोन का उद्देश्य कृषि या व्यवसाय हो।
वित्त मंत्रालय ने इन नियमों पर सहमति जताते हुए कहा कि इनसे छोटे उधारकर्ताओं को राहत मिलेगी और बाजार में विश्वास बढ़ेगा। उद्योग जगत, खासकर मुथूट, मणप्पुरम और IIFL फाइनेंस जैसी कंपनियों ने RBI के कदम का स्वागत किया है। हालांकि, लंबी अवधि में इन कंपनियों के बिजनेस मॉडल में बदलाव की संभावना जताई गई है।