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🌹 दिनांक : 20 सितम्बर 2023🌷
🌹 दिन – बुधवार🌷
🌹 विक्रम संवत – 2080🌷
🌹 शक संवत – 1945🌷
🌹 अयन – दक्षिणायन🌷
🌹 ऋतु – शरद🌷
🌹 मास – श्रावण🌷
🌹 पक्ष – कृष्ण पक्ष🌷
🌹 तिथि – पंचमी🌷
🌹 नक्षत्र – विशाखा🌷
🌹 अमान्ता महीना – श्रावण🌷
🌹 पूर्णिमांत – भाद्रपद🌷
🌹 योग – विष्कंभ🌷
🌹 सूर्योदय – सुबह 6:12 पर🌷
🌹 सूर्यास्त – शाम 6:17 पर🌷
🌹 प्रथम करण – बालवा🌷
🌹 द्वितीय करण – कौवाला🌷
🌹 दिशाशूल- पश्चिम🌷
🌹 चंद्रराशि – तुला🌷
🌹 सूर्यराशि – कन्या🌷
🌹 शुभमुहूर्त – अभिजीत🌷
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🍇पंचांग की जरूरत :
पंचांग का उपयोग मुख्यत्वे, काल गणना, तिथि वार, व्रत, शुभ मुहूर्त, देखने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है. ज्योतिष गाइड के दैनिक पंचांग में नक्षत्र, योग, करन सहित, शुभ-अशुभ समय, मुहूर्त, चंद्र बल, तारा बल पंचांग में आसानीसे उपलब्ध है। पंचांग का निर्धारण, ब्रम्हांड की गति पर निर्भर है. इसलिए जैसे जैसे पृथ्वी भ्रमण करती है, पंचांग समय क्षेत्र के अनुसार बदलता दिखाई देता है. इसलिए एक ही पंचांग अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग हो सकता है, इसलिए सही पंचांग का समय निर्धारण के लिए, क्षेत्र को चुनना अति महत्वपूर्ण है।
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🍇नक्षत्र :
आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।
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🍇योग :
नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम – विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।
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🍇करण :
एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं – बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।
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पंचांग क्या है
पंचांग दैनिक ज्योतिषीय कैलेंडर है जो ग्रहों और सूक्ष्म स्थितियों के आधार पर चंद्र दिवस के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है। इसमें पाँच विशेषताएँ शामिल हैं- तिथि (द लूनर डे), वार (सप्ताह का दिन), नक्षत्र (चन्द्र मेंशन), योग (चन्द्र-सौर दिवस) और करण (आधा चन्द्र दिवस)। इन पांच विशेषताओं के आधार पर, ज्योतिषी किसी भी नए कार्य या हिंदू धार्मिक अनुष्ठान को शुरू करने के लिए मुहूर्त या शुभ समय का निर्धारण करते हैं और इसके साथ-साथ अशुभ समय को भी देखते हैं जिससे हर किसी को बचना चाहिए।
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🍇दैनिक पंचांग और उसका महत्व
प्राचीन ऋषियों और वेदों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करता है, तो वह सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया देता है और व्यक्ति को उसके कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद करता है। हिन्दू दैनिक पंचांग इस सौहार्द को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसके उपयोग से व्यक्ति को तिथि, योग और शुभ-अशुभ समयों में ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है। जिससे हम सूक्ष्म संचार के आधार पर उपयुक्त समय के बारे में जान सकते हैं और अपने समय और कार्य का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।
ज्योतिषी लोगों को सुझाव देते हैं कि वे अपने दैनिक पंचांग को रोजाना देखें और किसी भी नए काम को शुरू करने के लिए इसका पालन करें जैसे कि वैवाहिक समारोह, सामाजिक मामलों, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, उद्घाटन, नए व्यापार उपक्रम आदि जैसे शुभ कार्यक्रम इसके अनुसार करें।
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🍇राशिफल :
🎍मेष राशि : (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)

वाणी के प्रभाव से रुके कार्य पूर्ण होंगे। कारोबार से आय में वृद्धि होगी। परिश्रम अधिक रहेगा। परिवार में सुख-शान्ति के लिए प्रयास करें। भौतिक सुखों में वृद्धि होगी। माता-पिता का सानिध्य मिल सकता है। धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। स्वभाव में चिड़चिड़ापन हो सकता है। माता-पिता से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। किसी सम्पत्ति से धनार्जन के साधन बन सकते हैं।

🎍वृष राशि : (ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आत्मविश्वास से लबरेज रहेंगे। शैक्षिक कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे। नौकरी में परिवर्तन के योग बन रहे हैं। स्थान परिवर्तन हो सकता है। आत्मविश्वास भरपूर रहेग, परन्तु धैर्यशीलता में कमी रहेगी। मानसिक शान्ति रहेगी। नौकरी में कोई अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती है। परिश्रम की अधिकता रहेगी। कार्यक्षेत्र की स्थिति में सुधार होगा। धन की स्थिति में सुधारेगी।

मिथुन राशि : (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)

नौकरी में अफसरों का सहयोग मिलेगा। तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। आय में वृद्धि होगी। कार्यक्षेत्र में परिवर्तन हो सकता है। सेहत का ध्यान रखें। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। माता के स्वास्थ्य में सुधार होगा, परन्तु मानसिक चिन्ताएं बढ़ेंगी। आत्मसंयत रहें। वाणी में कठोरता का प्रभाव बढ़ सकता है। कार्यक्षेत्र में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

🎍कर्क राशि : (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डु, डे, डो)

पारिवारिक जीवन कष्टमय हो सकता है। परिवार के साथ किसी धार्मिक स्थान को साथ जाने का कार्यक्रम बन सकता है। खर्च बढ़ेंगे। मन में शान्ति एवं प्रसन्नता के भाव रहेंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। कारोबार में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। माता को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। रहन-सहन में असहज रहेंगे। मित्रों का सहयोग मिलेगा।

🎍सिंह राशि : (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

मानसिक शान्ति रहेगी। नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। शासन-सत्ता का सहयोग मिलेगा। नौकरी में अफसरों से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। आत्मविश्वास में कमी रहेगी। पिता का सानिध्य एवं सहयोग मिलेगा। खर्चों की अधिकता रहेगी। कार्यक्षेत्र में विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। सुस्वादु खानपान में रुचि बढ़ेगी। मित्रों से भेंट होगी।

🎍कन्या राशि : (ढो, प, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

बातचीत में सन्तुलित रहें। नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षा एवं साक्षात्कारादि कार्यों में सफलता मिलेगी। शासन-सत्ता का सहयोग मिलेगा। क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा की मनःस्थिति रहेगी। कार्यक्षेत्र में कठिनाइयां आ सकती हैं। मन में शान्ति एवं प्रसन्नता के भाव रहेंगे। कुटुम्ब के किसी बुजुर्ग से धन प्राप्ति के योग बन रहे हैं। वस्त्रों पर खर्च बढ़ेंगे। आय की स्थिति में सुधार होगा।

🎍तुला राशि : (र, री, रू, रे, रो, ता, ति, तू, ते)

मन परेशान रहेगा। मानसिक शान्ति के लिए प्रयास करें। नौकरी में कार्यक्षेत्र में परिवर्तन की सम्भावना बन रही हैं। परिश्रम अधिक रहेगा। सेहत का ध्यान रखें। स्वभाव में चिड़चिड़ापन हो सकता है। कारोबार की स्थिति में सुधार होगा। घर-परिवार में धार्मिक कार्य होंगे। वस्त्र उपहार में प्राप्त हो सकते हैं। किसी धार्मिक स्थान की यात्रा पर जाना हो सकता है।

🎍वृश्चिक राशि : (तो, न, नी, नू, ने, नो, या, यि, यू)

शैक्षिक कार्यों में मन लगेगा। बौद्धिक कार्यों से आय के साधन बन सकते हैं। कारोबार पर ध्यान दें। कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। अपनी भावनाओं को वश में रखें। नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। भाई-बहनों के सहयोग से किसी पैतृक व्यवसाय का विस्तार हो सकता है। लाभ के अवसर मिलेंगे। सन्तान को कष्ट रहेगा। मीठे खान-पान में रुचि बढ़ेगी।

🎍धनु राशि : (य, यो, भा, भि, भू, ध, फा, ढ, भे)

संयत रहें। क्रोध एवं आवेश के अतिरेक से बचें। शैक्षिक कार्यों में सफलता मिलेगी। किसी मित्र के सहयोग से आय के साधन बन सकते हैं। आत्मविश्वास में कमी आएगी। नौकरी में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। परिवर्तन के योग बन रहे हैं। परिवार से दूर जा सकते हैं। शैक्षिक कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे। कार्यक्षेत्र में विपरीत परिस्थितियां हो सकती हैं।

🎍मकर राशि : (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)

सन्तान सुख में वृद्धि होगी। लेखनादि-बौद्धिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ सकती है। आय के स्रोत विकसित होंगे। सम्पत्ति से धन लाभ हो सकता है। मानसिक शान्ति रहेगी। आलस्य की अधिकता रहेगी। खर्च अधिक की स्थिति रहेगी। अपनी भावनाओं को वश में रखें। परिवार का सहयोग मिलेगा। परिवार के साथ यात्रा पर जा सकते हैं। अनियोजित खर्च बढ़ेंगे। जीवनसाथी का साथ मिलेगा।

🎍कुम्भ राशि : (गू, गे, गो, स, सी, सू, से, सो, द)

मन शान्त रहेगा। आलस्य हो सकता है। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। नौकरी में कार्यक्षेत्र में परिश्रम अधिक रहेगा। बौद्धिक कार्यों से धन प्राप्ति हो सकती है। संयत रहें। क्रोध के अतिरेक से बचें। पारिवारिक जीवन कष्टमय रहेगा। मानसिक परेशानियों में कुछ कमी आएगी, लेकिन अपनी भावनाओं पर नियन्त्रण रखें। परिवार का सहयोग मिलेगा। संचित धन में कमी आयेगी।

🎍मीन राशि : (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची)

मन शान्त रहेगा। आलस्य हो सकता है। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। नौकरी में कार्यक्षेत्र में परिश्रम अधिक रहेगा। बौद्धिक कार्यों से धन प्राप्ति हो सकती है। संयत रहें। क्रोध के अतिरेक से बचें। पारिवारिक जीवन कष्टमय रहेगा। मानसिक परेशानियों में कुछ कमी आएगी, लेकिन अपनी भावनाओं पर नियन्त्रण रखें। परिवार का सहयोग मिलेगा। संचित धन में कमी आयेगी।

🎍(पं. दाऊजी महाराज, वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य एवं श्री अवध धाम मंदिर संस्थापक पानीपत) 🎍
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