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🌹 दिनांक : 8 सितम्बर 2023🌷
🌹 दिन – शुक्रवार🌷
🌹 विक्रम संवत – 2080🌷
🌹 शक संवत – 1945🌷
🌹 अयन – दक्षिणायन🌷
🌹 ऋतु – वर्षा ॠतु🌷
🌹 मास – श्रावण🌷
🌹 पक्ष – कृष्ण पक्ष🌷
🌹 तिथि – नवमी🌷
🌹 नक्षत्र – मृगशीर्षा🌷
🌹 योग – सिद्धी🌷
🌹 सूर्योदय – सुबह 6:06 पर🌷
🌹 सूर्यास्त – शाम 6:32 पर🌷
🌹 प्रथम करण – गारा🌷
🌹 द्वितीय करण – वणिजा🌷
🌹 दिशाशूल- दक्षिण🌷
🌹 चंद्रराशि – मिथुन🌷
🌹 सूर्यराशि – सिंह🌷
🌹 शुभमुहूर्त – अभिजीत🌷
🌹 विशेष – गोगानवमी🌷
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🍇पंचांग की जरूरत :
पंचांग का उपयोग मुख्यत्वे, काल गणना, तिथि वार, व्रत, शुभ मुहूर्त, देखने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है. ज्योतिष गाइड के दैनिक पंचांग में नक्षत्र, योग, करन सहित, शुभ-अशुभ समय, मुहूर्त, चंद्र बल, तारा बल पंचांग में आसानीसे उपलब्ध है। पंचांग का निर्धारण, ब्रम्हांड की गति पर निर्भर है. इसलिए जैसे जैसे पृथ्वी भ्रमण करती है, पंचांग समय क्षेत्र के अनुसार बदलता दिखाई देता है. इसलिए एक ही पंचांग अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग हो सकता है, इसलिए सही पंचांग का समय निर्धारण के लिए, क्षेत्र को चुनना अति महत्वपूर्ण है।
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🍇नक्षत्र :
आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।
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🍇योग :
नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम – विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।
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🍇करण :
एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं – बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।
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पंचांग क्या है
पंचांग दैनिक ज्योतिषीय कैलेंडर है जो ग्रहों और सूक्ष्म स्थितियों के आधार पर चंद्र दिवस के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है। इसमें पाँच विशेषताएँ शामिल हैं- तिथि (द लूनर डे), वार (सप्ताह का दिन), नक्षत्र (चन्द्र मेंशन), योग (चन्द्र-सौर दिवस) और करण (आधा चन्द्र दिवस)। इन पांच विशेषताओं के आधार पर, ज्योतिषी किसी भी नए कार्य या हिंदू धार्मिक अनुष्ठान को शुरू करने के लिए मुहूर्त या शुभ समय का निर्धारण करते हैं और इसके साथ-साथ अशुभ समय को भी देखते हैं जिससे हर किसी को बचना चाहिए।
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🍇दैनिक पंचांग और उसका महत्व
प्राचीन ऋषियों और वेदों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करता है, तो वह सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया देता है और व्यक्ति को उसके कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद करता है। हिन्दू दैनिक पंचांग इस सौहार्द को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसके उपयोग से व्यक्ति को तिथि, योग और शुभ-अशुभ समयों में ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है। जिससे हम सूक्ष्म संचार के आधार पर उपयुक्त समय के बारे में जान सकते हैं और अपने समय और कार्य का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।
ज्योतिषी लोगों को सुझाव देते हैं कि वे अपने दैनिक पंचांग को रोजाना देखें और किसी भी नए काम को शुरू करने के लिए इसका पालन करें जैसे कि वैवाहिक समारोह, सामाजिक मामलों, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, उद्घाटन, नए व्यापार उपक्रम आदि जैसे शुभ कार्यक्रम इसके अनुसार करें।
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🍇राशिफल :
🎍मेष राशि : (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
मन प्रसन्न रहेगा, माता के स्वास्थ्य में सुधार होगा, कारोबार में वृद्धि होगी। परिश्रम अधिक रहेगा, परन्तु रहन-सहन अव्यवस्थित रहेगा। शैक्षिक कार्यों पर ध्यान दें, संयत रहें। क्रोध के अतिरेक से परेशान हो सकते हैं, बातचीत में सन्तुलन बनाए रखें। किसी मित्र के सहयोग से कारोबार के नए अवसर मिल सकते हैं, आय में वृद्धि होगी। माता के स्वास्थ्य में सुधार होगा, दिनचर्या अव्यवस्थित हो सकती है।
🎍वृष राशि : (ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आत्मविश्वास भरपूर रहेगा, परन्तु मन चिंतित हो सकता है। पारिवारिक समस्याएं परेशान कर सकती हैं, स्वास्थ्य का ध्यान रखें। खर्चों में वृद्धि होगी, मन में नकारात्मकता का प्रभाव रहेगा, कुछ पुराने मित्रों से भेंट हो सकती है। सुस्वादु खानपान में रुचि रहेगी, नौकरी के लिए साक्षात्कारादि कार्यों में सफलता मिलेगी। व्यर्थ की चिंताओं से स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
🎍मिथुन राशि : (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
व्यर्थ के क्रोध एवं वाद-विवाद की स्थिति बन सकती है। किसी मित्र के सहयोग से आय वृद्धि के साधन बन सकते हैं। स्वास्थ्य का ध्यान रखें, मानसिक शान्ति रहेगी, परन्तु खर्चों की अधिकता से चिन्तित रहेंगे। मानसिक कठिनाइयां परेशान कर सकती हैं, स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा। वाहन के रखरखाव पर खर्च बढ़ सकता है। शैक्षिक कार्यों में व्यवधान आ सकते हैं, मन प्रसन्न रहेगा।
🎍कर्क राशि : (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डु, डे, डो)
आत्मसंयत रहें, व्यर्थ के क्रोध से बचें। शैक्षिक कार्यों में सफलता मिलेगी, नौकरी में कार्यक्षेत्र में बदलाव के योग बन रहे हैं, परिश्रम अधिक रहेगा। मानसिक कठिनाइयां आ सकती हैं, धर्म के प्रति श्रद्धाभाव रहेगा। किसी पुराने मित्र का आगमन हो सकता है, खानपान में रुचि बढ़ेगी, वस्त्र उपहार में प्राप्त हो सकते हैं। खर्चों में वृद्धि होगी, जीवनसाथी के स्वास्थ्य में सुधार आएगा।
🎍सिंह राशि : (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
मन प्रसन्न रहेगा, भवन सुख में वृद्धि होगी, परिवार का साथ रहेगा। घर-परिवार में धार्मिक कार्य हो सकते हैं, धैर्यशीलता में कमी हो सकती है। जीवनसाथी को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं, निराशा एवं असन्तोष के भाव से तनाव की स्थिति बन सकती हैं। कार्यक्षेत्र में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। मित्रों का सहयोग मिलेगा, शैक्षिक कार्यों में सफलता मिलेगी।
🎍कन्या राशि : (ढो, प, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आत्मविश्वास भरपूर रहेगा, नौकरी में अफसरों का सहयोग मिलेगा। तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे, आय में वृद्धि होगी, भागदौड़ बढ़ेगी। अति उत्साही होने से बचें। कला एवं संगीत के प्रति रुझान बढ़ सकता है, नौकरी में बदलाव के योग बन रहे हैं। स्थान परिवर्तन भी हो सकता है, स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। किसी प्रॉपर्टी में निवेश कर सकते हैं, भाइयों में मनमुटाव की स्थिति बन सकती है।
🎍तुला राशि : (र, री, रू, रे, रो, ता, ति, तू, ते)
क्रोध की अधिकता हो सकती है, पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। किसी मित्र के सहयोग से कारोबार में बदलाव हो सकता है, परिश्रम अधिक रहेगा। आय में वृद्धि होगी, आत्मसंयत रहें, जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। भौतिक सुखों में वृद्धि होगी, परिवार के साथ यात्रा-देशाटन के प्रति जा सकते हैं। रहन-सहन कष्टमय हो सकता है। नौकरी में अफसरों से मतभेद हो सकते हैं।
🎍वृश्चिक राशि : (तो, न, नी, नू, ने, नो, या, यि, यू)
आशा-निराशा के भाव मन में हो सकते हैं, वाणी में मधुरता रहेगी। किसी मित्र के सहयोग से कारोबार के अवसर मिल सकते हैं, आय में वृद्धि होगी। सेहत का ध्यान रखें, आशा-निराशा के मिश्रित भाव मन में रहेंगे, कारोबार में कठिनाई आ सकती है। भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा, लाभ के अवसर बढ़ेंगे। सम्पत्ति में निवेश कर सकते हैं, सेहत का ध्यान रखें, संबंधों में मधुरता आएगी।
🎍धनु राशि : (य, यो, भा, भि, भू, ध, फा, ढ, भे)
मन में शान्ति एवं प्रसन्नता रहेगी, सन्तान सुख में वृद्धि होगी। परिवार में सद्भाव का माहौल रहेगा, वाहन पर खर्च बढ़ सकते हैं। मित्रों का सहयोग मिलेगा, खर्चों में वृद्धि होगी। आत्मविश्वास भरपूर रहेगा, स्वभाव में जिद्दीपन रहेगा। जीवनसाथी से नोकझोंक हो सकती है, खानपान के प्रति सचेत रहें। उदर विकार से पीड़ित हो सकते हैं। किसी पुराने मित्र से भेंट हो सकती है, सन्तान को कष्ट होगा।
🎍मकर राशि : (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
कला या संगीत के प्रति रुझान बढ़ सकता है, धर्म-कर्म में व्यस्तता रहेगी। परिवार के साथ किसी धार्मिक स्थान पर जा सकते हैं, जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। मानसिक तनाव रहेगा, भाइयों से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। सन्तान सुख में वृद्धि होगी, मानसिक शान्ति रहेगी। आत्मविश्वास में कमी आ सकती है, मित्रों का सहयोग मिलेगा, मित्र के सहयोग से धन की प्राप्ति हो सकती है।
🎍कुम्भ राशि : (गू, गे, गो, स, सी, सू, से, सो, द)
आत्मविश्वास भरपूर रहेगा, मन प्रसन्न रहेगा। कारोबार में कठिनाइयां आ सकती हैं। परिश्रम अधिक रहेगा, परिवार का साथ मिलेगा, स्वास्थ्य का ध्यान रखें। खर्च अधिक रहेंगे, कार्यक्षेत्र में विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। अधिक परिश्रम के बावजूद सफलता संदिग्ध है। परिश्रम की अधिकता रहेगी, लाभ की स्थिति में सुधार होगा, लंबी यात्रा पर जा सकते हैं।
🎍मीन राशि : (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची)
पठन-पाठन में रुचि रहेगी, शैक्षिक कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे। दाम्पत्य सुख में वृद्धि होगी, सन्तान के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। किसी पुराने मित्र का आगमन हो सकता है, धैर्यशीलता में कमी आएगी। सेहत का ध्यान रखें, मन में शान्ति एवं प्रसन्नता के भाव रहेंगे। माता का सानिध्य एवं सहयोग मिलेगा, सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी, किसी सम्पत्ति से धनार्जन के साधन बन सकते हैं।
🎍(पं. दाउजी महाराज, वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य, पानीपत) 🎍
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