हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विधानसभा चुनाव की तारीखों में फेरबदल की मांग की है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने केंद्रीय चुनाव आयोग को एक पत्र भेजकर यह मांग की है। उन्होंने इसके लिए दो प्रमुख कारण बताए हैं।
चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की थी। वोटिंग 1 अक्टूबर को होगी और मतगणना 4 अक्टूबर को की जाएगी। मोहन लाल बड़ौली ने पत्र में कहा कि चुनाव की तारीखें छुट्टियों के समय पड़ रही हैं, जिससे कई लोग बाहर चले जाते हैं। इसके अलावा, बिश्नोई समाज का धार्मिक अनुष्ठान भी इस दौरान है, जिसका असर वोटिंग पर पड़ सकता है।
लंबा वीकेंड और मतदान प्रतिशत
बड़ौली ने बताया कि 28 और 29 सितंबर को शनिवार और रविवार है। इसके बाद 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, और 2 अक्टूबर को गांधी जयंती की छुट्टी है। 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती का अवकाश भी है। ऐसे में 6 दिनों का लंबा वीकेंड होगा, जिससे लोग छुट्टियों पर जा सकते हैं।
इससे मतदान प्रतिशत में कमी आ सकती है। चुनाव आयोग की प्राथमिकता 100 प्रतिशत मतदान होती है, इसलिए भाजपा ने चुनाव की तारीखों को आगे बढ़ाने की मांग की है ताकि मतदान प्रतिशत में वृद्धि हो सके।
लोकसभा चुनाव में भाजपा को हुआ नुकसान
लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोटिंग प्रतिशत घटने का नुकसान हुआ है। इस बार मतदान प्रतिशत 65.00 फीसदी रहा, जो 2019 के मुकाबले करीब 5.34 फीसदी कम है। भाजपा को इस बार 46.06 फीसदी वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 43.73 फीसदी वोट मिले।
2019 और 2014 के चुनाव परिणाम
2019 में हरियाणा में 70.34 फीसदी मतदान हुआ था। इस दौरान भाजपा को 58.2 फीसदी वोट मिले और भाजपा ने राज्य की सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, कांग्रेस को 28.5 फीसदी वोट ही मिल सके। 2014 में हरियाणा में 71.45 फीसदी मतदान हुआ था। इस बार भाजपा को 34.8 फीसदी वोट शेयर मिला और सात सीटें जीतीं।